दिल्ली एयर बीएनबी के लग्जरी गेस्ट हाउस में सीए ने हीलियम से की खुदकुशी, 25 साल के युवक ने ऑनलाइन 3500 रू में खरीदी थी गैस

राष्ट्रीय जजमेंट

नई दिल्ली के बाराखंभा थाना क्षेत्र में कथित तौर पर हीलियम गैस की चपेट में आने से एक 25 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट की आत्महत्या हो गई। पुलिस ने बताया कि उसका शव बंगाली मार्केट के पास एक गेस्ट हाउस में मिला। हीलियम गैस की चपेट में आने से आत्महत्या का यह पहला मामला है।दिल्ली के होटल में दम घुटने से सीए की मौतपुलिस ने बताया कि गुरुग्राम की एक कंपनी में काम करने वाले 25 वर्षीय एक व्यक्ति ने दिल्ली स्थित एयरबीएनबी के एक फ्लैट में हीलियम गैस के संपर्क में आने से आत्महत्या कर ली। धीरज कंसल नाम के इस व्यक्ति ने 20 से 28 जुलाई तक आठ दिनों के लिए फ्लैट बुक किया था और इंडियामार्ट पर खोज के बाद गाजियाबाद के एक सप्लायर से 3,500 रुपये में हीलियम मँगवाया था। यह कदम उठाने से पहले, कंसल ने फेसबुक पर एक लंबा भावुक नोट पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा: “मृत्यु मेरे लिए जीवन का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। कृपया मेरी मृत्यु पर दुखी न हों। आत्महत्या करना गलत नहीं है क्योंकि मुझ पर कोई ज़िम्मेदारी नहीं है।”आत्महत्या के लिए ऑनलाइन खरीदा था हीलियम सिलेंडर25 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) ने आत्महत्या करने के लिए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित एक कंपनी से ऑनलाइन हीलियम सिलेंडर खरीदा था ताकि दम घुटने से उसकी मौत हो जाए। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। हरियाणा के गुरुग्राम की एक कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में कार्यरत धीरज कंसल सोमवार सुबह अपने कमरे में मृत पाए गए। एक अधिकारी ने बताया कि हीलियम गैस के कारण दम घुटने से उनकी मौत हो गई। कंसल ने कथित तौर पर एक ई-कॉमर्स वेबसाइट से दो किलोग्राम का हीलियम गैस सिलेंडर खरीदा था।अधिकारी ने कहा, ‘‘वह 24 जुलाई के आसपास गेस्ट हाउस में रुके थे और उन्होंने एक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर हीलियम गैस की उपलब्धता के बारे में पूछताछ की थी। फिर उन्होंने इसे खरीदा और गेस्ट हाउस में इसकी आपूर्ति करवाई।’’ उन्होंने बताया कि उनके कमरे से इस खरीद का एक बिल भी मिला।सुसाइट नोट में लिखा- मेरे उपर कोई जिम्मेदारी नहींअपने पीछे छोड़े गए एक नोट में कंसल ने खुलासा किया कि 2003 में अपने पिता के निधन के बाद से वह अकेला महसूस कर रहे थे। उस समय वह सिर्फ चार साल के थे और उनका कोई भाई-बहन नहीं था। पिता की मृत्यु के बाद उनकी मां ने किसी और से शादी कर ली और उनका पालन-पोषण मंगोलपुरी में उनके दादा-दादी ने किया। अपनी मृत्यु के समय वह महरौली के एक पेइंग गेस्ट हाउस में रह रहे थे।

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