एटीएस को अवैध धर्मांतरण मामले में कथित सूत्रधार की हिरासत मिली

राष्ट्रीय जजमेंट

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने बलरामपुर जिले से संचालित कथित अवैध धर्मांतरण रैकेट के मामले में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए जलालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर बाबा और नीतू उर्फ ​​नसरीन की एक सप्ताह की हिरासत बुधवार को हासिल की।उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, एनआईए अदालत ने दोनों आरोपियों को 10 जुलाई से 16 जुलाई तक एटीएस की हिरासत में भेजी है। यह घटनाक्रम राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण द्वारा कथित धर्मांतरण के पूरे नेटवर्क की गहन जांच करने के निर्देश के बाद हुआ है।
जलालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर बाबा और नसरीन को गत पांच जुलाई को बलरामपुर जिले के मढपुर गांव से गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों द्वारा धर्मांतरण गिरोह का सूत्रधार बताए गए जलालुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था और उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम भी था। दोनों को शुरुआत में लखनऊ जिला जेल में हिरासत में रखा गया था।
लखनऊ के गोमतीनगर स्थित एटीएस थाने में दर्ज इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 121ए (राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना), 417 (धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी) और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
आरोप है कि आरोपियों ने हिंदू और गैर-मुस्लिम समुदायों के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए एक संगठित अभियान चलाया। गरीबों, मजदूरों, विधवाओं और कमजोर लोगों समेत पीड़ितों को कथित तौर पर मजबूर किया गया और लालच देकर गुमराह किया गया। दो अन्य सह-आरोपियों– नवीन उर्फ ​​जमालुद्दीन और महबूब को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और वे वर्तमान में लखनऊ जेल में बंद हैं।

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