पुलिस ने सुलझाया सोने की चोरी और फर्जी अपहरण का रहस्य, चार गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस की गोविंदपुरी थाना और एंटी रॉबरी सेल की संयुक्त टीम ने सोने की चोरी और झूठे अपहरण के आरोप से जुड़े एक जटिल मामले का खुलासा किया है। इस मामले में शिकायतकर्ता मंटू मंडल सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अन्य आरोपियों की पहचान राज कुमार, सरफराज, और राजू उर्फ युसूफ के रूप में हुई हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से 70 ग्राम सोने के आभूषण, 20 ग्राम चांदी, अपराध में इस्तेमाल की गई अपाचे बाइक, पहने हुए कपड़े और एक अलमारी बरामद की है।

दक्षिण-पूर्वी जिला के अतिरिक्त उपायुक्त पुलिस ऐश्वर्या शर्मा ने बताया कि 26-27 जून की रात गोविंदपुरी थाने में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई, जिसमें शिकायतकर्ता मंटू मंडल ने दावा किया कि 25-26 जून की रात दो बाइक सवार, जो खुद को पुलिसकर्मी बता रहे थे, उनके घर पहुंचे। उन्होंने उससे सोना लिया और उसका अपहरण कर लिया। लगभग एक किलोमीटर दूर उसे छोड़कर वे फरार हो गए। इस बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

अतिरिक्त उपायुक्त पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक संयुक्त टीम गठित की गई। इस टीम ने घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया। फुटेज में दिखा कि दो बाइक सवार मंटू के घर पहुंचे और छह मिनट बाद उसके साथ सोना लेकर निकले। सीसीटीवी और तकनीकी निगरानी के जरिए बाइक सवारों, राज कुमार और सरफराज, को उनके सहयोगी राजू के साथ पकड़ा गया। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यह पूरा मामला शिकायतकर्ता मंटू मंडल द्वारा रची गई साजिश थी।

मंटू मंडल, जो एक निर्माण स्थल ठेकेदार है, ने एक महीने पहले लाजपत नगर में अपने मालिक जितेंद्र से एक अलमारी ली थी। 25 जून को उसने यह अलमारी एक कबाड़ डीलर को बेच दी, जिसे लॉकर में सोने के आभूषण मिले। कबाड़ डीलर ने सोना मंटू को लौटा दिया, लेकिन जितेंद्र को भी इसकी सूचना दे दी। मंटू और उसके दोस्त राजू ने सोना हड़पने की साजिश रची। राजू ने दो बाइक सवारों, राज कुमार और सरफराज, को मंटू के घर भेजा, जहां मंटू ने उन्हें सोना सौंप दिया। सबूत के तौर पर एक तस्वीर भी ली गई।

जब जितेंद्र ने मंटू पर सोना लौटाने का दबाव बनाया, तो मंटू ने जांच को गुमराह करने के लिए पुलिस के खिलाफ झूठी पीसीआर कॉल की और एक बाइक सवार को पुलिसकर्मी बताकर गलत पहचान दी। चारों आरोपियों के खिलाफ साजिश और चोरी के आरोप में कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। जांच अभी जारी है।

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