राष्ट्रीय जजमेंट
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिकी अदालत में टैरिफ का बचाव करने के मामले में चुप रहे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर इस मामले की अनदेखी करने का आरोप लगाया क्योंकि वे आर्थिक नीतियों के बारे में आलोचनात्मक चर्चाओं की बजाय प्रशंसा को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री टैरिफ के बारे में सुनना नहीं चाहते; हमारे प्रधानमंत्री केवल ‘तारीफ’ (प्रशंसा) सुनना चाहते हैं। इसलिए प्रधानमंत्री इस पर चुप हैं। प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा है।
रमेश ने कहा कि ट्रंप ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर संघर्ष विराम का श्रेय लिया, लेकिन भारतीय नेतृत्व ने चुप रहना ही बेहतर समझा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 11 दिनों में 8 बार तीन देशों अमेरिका, सऊदी अरब और कतर में कहा है कि यह युद्ध विराम मेरी वजह से हुआ है और मैंने टैरिफ का इस्तेमाल किया है और दोनों देशों से कहा है कि अगर आप युद्ध विराम करवाते हैं तो अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ेगा। रमेश ने विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत भारत के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि हमारे विदेश मंत्री इस पर चुप हैं, हमारे प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं। कांग्रेस नेता ने ट्रंप की इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई कि भारत और पाकिस्तान को “एक ही नाव में” रखा गया है। रमेश ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि मैंने भारत और पाकिस्तान को एक ही नाव में बैठा दिया है। भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की तुलना में 10 गुना बढ़ी है, लेकिन दोनों एक ही नाव में सवार हैं। ऐसा कैसे हो सकता है?
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