अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को सुप्रीम कोर्ट से फिर मिली राहत, तरिम जमानत रहेगी जारी

राष्ट्रीय जजमेंट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी। कोर्ट ने कहा कि उनके बोलने और अभिव्यक्ति के अधिकार पर कोई बाधा नहीं आएगी। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया कि वे महमूदाबाद से जुड़े मामलों के बारे में ऑनलाइन कुछ भी पोस्ट न करें। महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दिए जाने के एक सप्ताह बाद सुप्रीम कोर्ट ऑपरेशन सिंदूर पर उनके विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के लिए उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हरियाणा सरकार द्वारा कोर्ट को इसके गठन के बारे में अवगत कराए जाने के बाद एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई जांच पर भी रिपोर्ट मांगी।

पिछले हफ़्ते जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन के सिंह की बेंच ने महमूदाबाद के खिलाफ़ दो एफ़आईआर में जांच पर रोक लगाने से इनकार करते हुए उनके पोस्ट को डॉग-व्हिसलिंग करार दिया था। कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों वाली तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने को कहा था, जिसमें एक महिला भी होगी।
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अदालत ने उन्हें इस मामले से संबंधित मुद्दे पर कोई भी ऑनलाइन पोस्ट करने, कोई भी लेख लिखने या भाषण देने, या हाल ही में भारत पर हुए आतंकवादी हमले, जो कि भारतीय धरती पर एक आतंकवादी हमला था, या भारत की उस पर प्रतिक्रिया पर कोई भी टिप्पणी करने से भी रोक लगा दी थी।महमूदाबाद को भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के प्रति कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए हरियाणा राज्य महिला आयोग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के 18 दिन बाद 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।

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