आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट रैकेट का भंडाफोड़ किया, गुजरात का एजेंट गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट और अवैध आव्रजन रैकेट में शामिल गुजरात के एक एजेंट को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। 47 वर्षीय आरोपी नागाजन लीलाभाई करावद्रा निवासी गांधीनगर, गुजरात, को 3 मार्च 2025 को दर्ज एफआईआर के तहत गिरफ्तार किया गया। इस ऑपरेशन में एक यात्री, महेश रणमलभाई ओडेदरा, को भी गिरफ्तार किया गया, जो फर्जी पहचान के आधार पर लंदन, यूके की यात्रा करने की कोशिश कर रहा था।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 3 मार्च 2025 को, एक यात्री, जिसकी प्रारंभिक पहचान मौलिक रणमलभाई ओडेदरा के रूप में हुई, लंदन, यूके के लिए आव्रजन मंजूरी के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा। आव्रजन अधिकारियों की जांच में पता चला कि उसके पास महेश रणमलभाई ओडेदरा के नाम से दूसरा वैध पासपोर्ट भी था, जिसमें जन्म तिथि और व्यक्तिगत विवरण भिन्न थे। गहन पूछताछ में उसकी वास्तविक पहचान 23 वर्षीय महेश रणमलभाई ओडेदरा पोरबंदर निवासी के रूप में सामने आई। उसने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर मौलिक ओडेदरा के नाम से दूसरा पासपोर्ट हासिल किया था, जिसके जरिए वह अवैध आव्रजन लाभ प्राप्त करने की कोशिश कर रहा था। यात्री ने गलत जानकारी और फर्जी पहचान बनाकर भारतीय आव्रजन नियमों को धोखा देने की कोशिश की, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई और जांच शुरू की गई।

जांच के दौरान, यात्री महेश रणमलभाई ओडेदरा से पूछताछ की गई, जिसमें उसने खुलासा किया कि उसने 10 लाख रुपये के बदले फर्जी पासपोर्ट और संबंधित दस्तावेज एजेंट नागाजन लीलाभाई करावद्रा के माध्यम से हासिल किए थे। एजेंट ने यूरोपीय संघ की फैमिली सेटलमेंट स्कीम के तहत लाभ लेने के लिए अहमदाबाद के आर्य समाज मंदिर में एक बुल्गारियाई महिला, वेलिचका, के साथ फर्जी शादी की व्यवस्था की थी। इसके लिए जाली मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण, और जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों का उपयोग किया गया। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नागाजन ने नकली पासपोर्ट जारी करवाया, जिससे यात्री को गलत पहचान के तहत यूके की यात्रा करने की सुविधा मिली। यात्री ने इन दस्तावेजों का उपयोग यूरोपीय संघ के सेटलमेंट परमिट को बढ़ाने और कई अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए किया। उसने बताया कि वह 18 नवंबर 2022 को मौलिक ओडेदरा के नाम से भारत आया और 9 दिसंबर 2022 को वापस चला गया। इसके बाद 14 फरवरी 2025 को वह अपने दादा-दादी से मिलने फिर से मौलिक ओडेदरा की पहचान के साथ भारत लौटा।

जांच के लिए एक टीम गठित की गई, इस टीम ने कई ठिकानों पर छापेमारी की और अंततः नागाजन लीलाभाई करावद्रा को गांधीनगर, गुजरात से गिरफ्तार किया। पूछताछ में नागाजन ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की। उसने बताया कि वह 12वीं कक्षा तक शिक्षित है और 2023 में यूके गया था, जहां वह कई महीनों तक रहा। वहां उसकी मुलाकात ऐसे लोगों से हुई जो फर्जी दस्तावेजों और अवैध यात्रा के जरिए लोगों को ठगते थे। भारत लौटने के बाद उसने एजेंट के रूप में काम शुरू किया और आसान कमाई के लिए इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल हो गया। उसने यात्री के अनुरोध पर 10 लाख रुपये लेकर दो पासपोर्ट की व्यवस्था की थी। पुलिस अब अन्य संलिप्त एजेंटों की तलाश और नागाजन के बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि उसकी अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों का पता लगाया जा सके।

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