सभी औरंगजेब की कब्र, इजरायल-हमास में लगे थे इधर जॉर्ज सोरोस पर ED ने ले लिया तगड़ा एक्शन, ओएसएफ से जुड़े कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

राष्ट्रीय जजमेंट

प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस समर्थित फर्म ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के खिलाफ छापेमारी की। जांच एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन से जुड़ी थी। उन्होंने कहा कि यह मामला ओएसएफ द्वारा कथित रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त करने और कुछ लाभार्थियों द्वारा फेमा दिशा-निर्देशों का कथित उल्लंघन कर इन निधियों का उपयोग किए जाने से संबंधित है। ईडी की कार्रवाई पर ओएसएफ की तरफ से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिली है।हंगरी मूल के अमेरिकी सोरोस निवेशक और समाजसेवी हैं। ओपन सोयासटी फाउंडेशन जिसका नाम 1945 की ओपन सोसायटी एंड इटस एनीमी नामक एक किताब से प्रेरित है। जिसका काम जीवंत और समावेशी लोकतंत्र बनाना और ऐसी सरकार अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेह हो। उन्होंने 2020 में राष्ट्रवाद के प्रसार से निपटने के लिए एक नए विश्वविद्यालय नेटवर्क को वित्तपोषित करने के लिए 100 करोड़ देने का वचन दिया था। वह पीएम नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आलोचक रहे हैं। जॉर्ज सोरोस के एनजीओ कनेक्शन पीएफआई जैसे इस्लामिक कट्टर संगठन, अर्बन नक्सल, क्रिश्चन मशीनरी, बुद्धिजीवी और पत्रकारों से है जिन्हें भारत का लोकतंत्र हमेशा खतरे में दिखाई देता है। जिन्हें भारत में बनी कोविड वैक्सीन पर विश्वास नहीं होता। राफेल पर विश्वास नहीं होता। गैर सरकारी संगठनों के अपने नेटवर्क के माध्यम से, जॉर्ज सोरोस ने बुद्धिजीवियों के एक वर्ग को विकसित किया है जो भारतीय राज्य, विशेष रूप से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी सरकार का विरोध करने की दिशा में काम करते हैं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More