ये कोई पोस्ट ऑफिस नहीं है, बांसुरी स्वराज के खिलाफ याचिका को खारिज करते हुए आप नेता को कोर्ट की फटकार

राष्ट्रीय जजमेंट 

दिल्ली हाई कोर्ट ने आप नेता सोमनाथ भारती की याचिका खारिज कर दी है। याचिका में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद बंसुरी स्वराज के खिलाफ अपनी चुनाव याचिका में प्रतिलेख दाखिल करने की अनुमति मांगी थी। यह मामला 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित भ्रष्ट आचरण के आरोपों से संबंधित है, लेकिन हाईकोर्ट ने आज इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया। आप नेता सोमनाथ भारती द्वारा 2024 के आम चुनावों में नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के चुनाव को चुनौती दी गई है। भारती ने आरोप लगाया है कि स्वराज का चुनाव भ्रष्ट आचरण से प्रभावित था, जिससे परिणाम कानूनी रूप से संदिग्ध हो गए। कोर्ट ने कहा कि ये कोई पोस्ट ऑफिस नहीं है। हम न्यायिक समय बर्बाद नहीं कर सकते। अपनी याचिका में सोमनाथ भारती ने सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग, अनुचित प्रचार रणनीति और मतदाता हेरफेर सहित चुनाव कानूनों के विभिन्न कथित उल्लंघनों का हवाला दिया। उन्होंने अदालत से यह जांच करने का आग्रह किया है कि क्या चुनाव प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का पालन करती है, जो भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन को नियंत्रित करता है। न्यायालय ने प्रक्रियागत मामलों के लिए प्रॉक्सी वकील के इस्तेमाल की बढ़ती प्रवृत्ति की आलोचना की, तथा प्रत्यक्ष जवाबदेही के महत्व पर प्रकाश डाला। ये टिप्पणियां सोमनाथ भारती द्वारा यह दावा किए जाने के बाद आईं कि दूसरे पक्ष ने लिखित प्रस्तुतियाँ नहीं दी हैं। आगे की जांच के बाद भारती ने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान वे चुनाव ड्यूटी में व्यस्त थे, तथा उनके वकील केवल प्रॉक्सी के रूप में उपस्थित हुए, तथा उनके पास कोई ठोस तर्क देने का अधिकार नहीं था।

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