केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव और आईबी चीफ समेत गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में नवगठित दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाने की रणनीतियों के साथ-साथ शहर में कानून और व्यवस्था के लिए उभरते खतरों से निपटने के लिए पुलिस उपायों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।बैठक के बाद रेखा गुप्ता ने कहा कि जब भी भारत सरकार ने दिल्ली के लिए बड़ी समस्याएं पैदा करने वाले छोटे मुद्दों पर विवरण मांगा, तो दिल्ली की तत्कालीन (आप) सरकार ने कभी भी इस पर सहयोग नहीं किया। कहां और किन चीजों को ठीक करने की जरूरत है, इस पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के दृष्टिकोण से दिल्ली में प्राथमिक चर्चा की गई और जल्द ही इस पर नीति बनाने पर काम किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी से जुड़े मुद्दों के समाधान पर चर्चा की गई और राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय गिरोह जो दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था के लिए समस्या हैं, उस पर भी गहन चर्चा हुई।
ये बैठक इसलिए भी खास थी, क्योंकि पूर्व सीएम शीला दीक्षित के कार्यकाल (करीब 12 साल) के बाद केंद्र के साथ दिल्ली सरकार की इस तरह की बैठक हुई। मीटिंग का मकसद दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच सामंजस्य बनाना था। शाह देश भर में सुरक्षा स्थितियों की सक्रिय रूप से निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने पहले भी राष्ट्रीय राजधानी के महत्व को देखते हुए दिल्ली में एक मजबूत कानून प्रवर्तन तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया है। दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, शालीमार बाग से भाजपा की नवोदित विधायक रेखा गुप्ता, जिन्होंने 20 फरवरी को दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद के साथ बैठक में शामिल हुईं, जिसमें दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा और दिल्ली पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं।
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