देवरिया: तड़पते रहे घायल, मुंह मोड़कर चले गए राहगीर

0
देवरिया। रुद्रपुर रोड पर हुए हादसे ने सिर्फ आठ जिंदगियां ही नहीं छीनीं बल्कि समाज के गैर जिम्मेदार और स्वार्थी चेहरे को भी सामने ला दिया। हादसे के बाद बीच सड़क पर पड़े घायल छटपटाते रहे, लेकिन मदद की बजाए राहगीर मुंह मोड़कर आगे बढ़ते गए।
दस मिनट में 15 से अधिक वाहन उस रास्ते से गुजरे। किसी ने भी रुककर मदद की जरूरत नहीं समझी और न ही पुलिस-प्रशासन के जिम्मेदारों को सूचना देने की जहमत उठाई।
घटनास्थल के सामने स्थित आयरन स्टोर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरा वाकया कैद हुआ है। रात करीब 12:57 बजे देवरिया की तरफ से तेज रफ्तार में आ रही बोलेरो पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बोलेरो के परखचे उड़ गए। तेज धमाके के साथ बोलेरो के चारों दरवाजे और छत टूट गई।
अंदर सवार चार-पांच लोग छिटककर 50 मीटर दूर जा गिरे। तीन सवार बीच की सीट के नीचे और दो अगले हिस्से में इंजन के पास दब गए। एक सवार वाहन के पहिए के नीचे आ गया था। घटना के तत्काल बाद एक जाइलो वाहन वहां से गुजरा। फिर दो मोटरसाइकिलें किनारे से निकल गईं।
इसके बाद एक-एक कर 15 वाहन उसी रास्ते से गुजरे। सड़क पर पड़े दो घायल बार-बार हाथ उठाकर मदद का इशारा करते रहे, लेकिन कोई रुकने को तैयार नहीं था। करीब दस मिनट तक यही स्थिति रही। टक्कर की आवाज सुनकर 1:07 बजे घर से बाहर निकले जितेंद्र और रामकुमार ने 100 नंबर पर सूचना दी।
इसके अगले ही मिनट अपाची दस्ते के कांस्टेबल बृजभान यादव मौके पर पहुंच गए। हद तो यह रही कि बृजभान ने भी उस रास्ते से गुजर रहे दो बोलेरो को रोककर घायलों को अस्पताल पहुंचाने का आग्रह किया, लेकिन दोनों ने साफ इन्कार कर दिया।
तब बृजभान ने बीच सड़क खड़े होकर एक टेंपो को रोका और सख्ती दिखाई तब टेंपो चालक तैयार हुआ। इसके बाद बृजभान ने अपने सहयोगी होमगार्ड, जितेंद्र, रामकुमार और टेंपो चालक की मदद से सचिन, शिवपूजन, दीपनारायण, रामखेलावन, कन्हैया को अस्पताल भेजवाया।
इसी बीच एंबुलेंस और पुलिस के अन्य लोग भी पहुंच गए। अस्पताल पहुंचने के कुछ देर बाद सचिन और शिवपूजन की मौत हो गई। सीसीटीवी कैमरे में इस दृश्य को देखकर लोग जहां बृजभान की सराहना करते रहे तो वहीं, घायलों को छोड़कर आगे बढ़ने वाले लोगों को कोसते रहे।
सभी घायलों को पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचाया। अचानक जिला अस्पताल में घायलों की संख्या देख स्वास्थ्यकर्मी परेशान हो गए। सूचना जब जिलाधिकारी अमित किशोर को मिली तो वह भी एसडीएम सदर दिनेश, एएसपी शिष्य पाल, सीओ सिटी वरुण मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डा.धीरेंद्र कुमार के साथ जिला अस्पताल पहुंच गए।
वह तब तक वहां जमे रहे, जब तक जिला अस्पताल से मृतकों का शव मरचरी में नहीं पहुंचा गया और घायल रेफर नहीं हो गए। दोपहर बाद डीएम एक बार फिर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और जानकारी ली।
चिकित्सकों की टीम ने किया अंत्य परीक्षण
दुर्घटना में आठ लोगों की मौत के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी डा.धीरेंद्र कुमार ने चार चिकित्सकों को पोस्टमार्टम के लिए नियुक्त किया। सीएमओ डा.धीरेंद्र कुमार, एसीएमओ डा.सुरेंद्र सिंह की देख-रेख में तीन बजे तक आठों शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
उसी बोलेरो में गांव का दीपचंद्र सवार था। जब बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त हुई तो वह भी घायल हो गया। वह होश में आया तो उसने अपने परिजनों को फोन कर इसकी सूचना दी। साथ ही यह भी बताया कि वह घायल हो गया है।
उसने ही गांव के लोगों के मरने की भी सूचना दी। उसके परिजनों के साथ ही गांव के लोग भी घटना स्थल पहुंच गए । ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुभाष यादव ने मृतकों के शवों की शिनाख्त की।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More