क्या 2019 में फिर चलेगी मोदी लहर?: ज्योतिर्विद पं० उमाकांत दुबे

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2019 में होने वाले आम चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बेहद दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण रहने की संभावना है। क्योंकि खुद उनकी पार्टी बीजेपी और उन्हें चाहने वाले करोड़ों लोग उनसे पुनः 2014 में मिली प्रचंड जीत को दोहराने की इच्छा रखते हैं, लेकिन
बड़ा सवाल है कि क्या 2014 में चली मोदी लहर का जादू 2019 में फिर बरकरार रहेगा? इस सवाल को लेकर एस्ट्रोसेज ने अपनी लोकप्रिय ‘राज योग रिपोर्ट’ के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण किया और उनकी कुंडली में बने राज योगों का अध्ययन कर, वर्ष 2019 की संभावित तस्वीर पेश करने की कोशिश की है।
सूचना: प्रधानमंत्री की यह राज योग रिपोर्ट सार्वजनिक जीवन में उपलब्ध उनके जन्म विवरण के आधार पर तैयार की गई है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म विवरण
जन्मतिथि- 17 सितंबर 1950, रविवार
जन्म समय- 11:00 बजे
जन्मस्थान- मेहसाणा (गुजरात)
देखें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में बनने वाले राज योग
रूचक पंच महापुरुष योग, अमला योग, गज केसरी योग, वोशी योग, बुध आदित्य योग, चंद्र-मंगल योग, मूसल योग, दण्ड योग, पर्वत योग, कहाल योग, पाराशरी राज योग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में बनने वाले ये सभी राजयोग कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थितियों से निर्मित होते हैं और व्यक्ति को जीवन में उन्नति प्रदान करते हैं। हालांकि हर राज योग का अलग-अलग महत्व होता है।
राज योग रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री के लिए आने वाला शुभ समय
पहला स्वर्णिम काल
मार्च 2019 से सितंबर 2019
दूसरा स्वर्णिम काल
मई 2025 से मई 2026
तीसरा स्वर्णिम काल
नवंबर 2036 से मई 2039
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में राजयोग की शक्ति: 95%
चूंकि राजयोग रिपोर्ट में मार्च 2019 से सितंबर 2019 का समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अच्छा रहने वाला है। खास बात है कि 2019 के लोकसभा चुनाव भी अप्रैल से मई की अवधि में संपन्न होने की संभावना है, इसलिए इस समय में चुनावों में उन्हें सफलता मिलने की संभावना को बल मिलता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी वृश्चिक लग्न और वृश्चिक राशि में जन्मे हैं और उनका जन्म नक्षत्र अनुराधा है। वर्तमान समय में जनवरी 2020 तक शनि की उतरती हुई साढ़ेसाती का प्रभाव भी देखने को मिलेगा। यह स्थिति मानसिक तनाव और शारीरिक स्वास्थ्य में कमी की ओर इशारा करती है।
सवाल है कि क्या जो करिश्मा साल 2014 में हुआ वहीं करिश्मा 2019 में भी दोहराया जाएगा अथवा नहीं? ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो वर्ष 2019 के दौरान उनकी कुंडली में चंद्रमा की महादशा चलती रहेगी जो कि राजयोगकारी दशा है।
यदि अंतर्दशा की बात करें तो फरवरी के अंत तक बुध की अंतर्दशा और उसके बाद सितंबर अंत तक केतु की अंतर्दशा और तदुपरांत शुक्र की अंतर्दशा चलेगी। श्री मोदी जी की कुंडली में बुध ग्रह अष्टम तथा एकादश भाव का स्वामी होकर एकादश भाव में दशमेश सूर्य और केतु के साथ अपनी उच्च राशि कन्या में स्थित है।
इसलिए उपलब्धियों की ओर इशारा करते हैं। केतु ग्यारहवें भाव में अच्छे फल देता है और कन्या राशि में होने से बुध के अनुसार परिणाम देगा जो कि मोदी जी के पक्ष में रह सकते हैं। बुध और केतु दोनों ही महादशा नाथ चंद्रमा से एकादश भाव में स्थित होकर कार्यों में आशातीत सफलता दर्शा रहे हैं।
केतु की अंतर्दशा व्यतीत होने के उपरांत शुक्र की अंतर्दशा प्रारंभ होगी जो सप्तम भाव का स्वामी होकर दशम भाव में स्थित है और महादशा स्वामी चंद्रमा से दशम भाव में स्थित है। इन स्थितियों से यह पता चलता है कि 2019 में मोदी जी उन्हें जीत की ओर अग्रसर होंगे और उनकी जीत में धार्मिक संस्थाएं तथा विशेष रूप से महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
ज्योतिर्विद पं उमाकांत दुबे

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