Yasin Malik की पाकिस्तानी पत्नी Mushaal Hussein ने Rahul Gandhi से मांगी मदद, Smriti Irani ने किया कटाक्ष

राष्ट्रीय जजमेंट

जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस की सरकार बनते ही जैसे आतंकवादियों में उत्साह का संचार हो गया है। घाटी में आतंकी हमले बढ़ने लगे हैं और आतंकियों के रिश्तेदार अब कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस से मदद भी मांगने लगे हैं। इस स्थिति को चिंताजनक बताते हुए भाजपा ने कांग्रेस से कुछ सवाल पूछे हैं। हम आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर जेल में बंद अपने पति का मुद्दा संसद में उठाने का आग्रह किया है। मुशाल ने दावा किया कि उसका पति जम्मू कश्मीर में शांति कायम करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

मानवाधिकार और महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की पूर्व सहायक मुशाल ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में “तीन दशक पुराने राजद्रोह मामले में मलिक के खिलाफ जारी मुकदमे की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उसे मौत की सजा देने का अनुरोध किया है।” हम आपको बता दें कि कश्मीरी अलगाववादी नेता मलिक आतंकवादी वित्त पोषण से जुड़े इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में एनआईए की ओर से उसके खिलाफ दायर याचिका पर खुद बहस कर रहा है। एनआईए ने इस मामले में एक अपील दायर करके मलिक को फांसी की सजा देने का अनुरोध अदालत से किया है। एनआईए ने 2017 के इस मामले में मलिक सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया था। 2022 में एक निचली अदालत ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
मुशाल ने कहा, “मलिक जेल में अमानवीय व्यवहार के विरोध में दो नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर है। यह भूख हड़ताल मलिक के स्वास्थ्य पर और प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। यह उस शख्स के जीवन को खतरे में डाल देगी, जिसने हथियार छोड़कर अहिंसा की राह पर चलने का विकल्प चुना।” मुशाल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार 2019 से मलिक को “सभी अकल्पनीय तरीकों से” प्रताड़ित कर रही है। उसने कहा, “मलिक पर 35 साल पुराने मामले में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मुकदमा चलाया जा रहा है और अब एनआईए उसके खिलाफ दर्ज मनगढ़ंत मामलों में उसके लिए मौत की सजा की मांग कर रहा है।” बुशरा ने कहा, “मैं आपसे (राहुल) आग्रह करती हूं कि आप संसद में अपने उच्च नैतिक और राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करें और यासीन मलिक के मामले पर एक चर्चा शुरू करें, जो जम्मू कश्मीर में ‘दिखावटी’ नहीं, बल्कि वास्तविक शांति कायम करने का जरिया बन सकता है।”

वहीं भाजपा की प्रतिक्रिया की बात करें तो आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि क्या कारण है कि आतंकवादी और उनके परिवार गांधी परिवार से मदद की गुहार लगा रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस सभागार में मौजूद किसी भी भारतीय से आतंकवादी अपने लिये मदद की गुहार नहीं लगा सकते फिर क्या कारण है कि राहुल गांधी से मदद मांगी जा रही है?

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