49 साल पहले पूरे परिवार की हुई थी हत्या, तब इंदिरा गांधी ने कैसे बचाई शेख हसीना की जान
राष्ट्रीय जजमेंट
बांग्लादेश हिंसा की आग में झुलस रहा है। बांग्लादेश में कोटा सुधारों के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन में हिंसक झड़पों के कारण 100 से अधिक लोग मारे गए। वहीं प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हजारों बांग्लादेशी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया है। हिंसा के बीच शेख हसीना ने ढाका छोड़ दिया। विशेष विमान से वो भारत आई हैं। फिर कहा जा रहा है कि यहां से वो लंदन के लिए रवाना हो सकती हैं। भारत बांग्लादेश का सबसे करीबी सहयोगी और दुख के दिनों का साथी रहा है। शेख हसीना बांग्लादेश के बंग बंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं। 1975 में परिवार के ज्यादातर सदस्यों के साथ एक सैन्य तख्तापलट में उनकी मौत हो गई थी। लेकिन शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना उस वक्त जर्मनी में थी। इसलिए जिंदा बच गई थी। तब इंदिरा गांधी ने शेख हसीना और उनकी बहन को भारत बुलाया था।
शेख हसीना के दुख के दिनों के साथी
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