राजकोट गेम जोन फायर पर बार एसोसिएशन का बड़ा फैसला, आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा कोई वकील

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

गुजरात में एक गेमिंग जोन में भीषण आग लगने से 28 लोगों की मौत के बाद घोर लापरवाही के लिए पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। दो पुलिस निरीक्षकों और तीन नागरिक अधिकारियों को आवश्यक अप्रूवल के बिना इस खेल क्षेत्र को संचालित करने की अनुमति देने में घोर लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है। वहीं अब खबर है कि राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड के आरोपियों का केस कोई वकील नहीं लड़ेगा। बार एसोसिएशन की तरफ से ये फैसला लिया गया है। 25 मई शाम की त्रासदी से गुजरात के राजकोट में टीआरपी कहे जाने वाले गेमिंग जोन में गंभीर खामियां सामने आईं। ऐसा पता चला है कि मनोरंजन केंद्र अग्नि निकासी के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना चल रहा था और उसके पास केवल एक निकास द्वार था।आशंका है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी होगी, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि सही कारण जांच के बाद ही पता चलेगा। सरकार की यह बड़ी कार्रवाई मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल द्वारा घटनास्थल का दौरा करने और अधिकारियों को भयावह घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देने के एक दिन बाद आई है। निलंबित किए गए लोगों में राजकोट नगर निगम के टाउन प्लानिंग विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, सहायक टाउन प्लानर आरएमसी गौतम जोशी, राजकोट सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा और पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआई राठौड़ शामिल हैं। ‘गेम जोन’ में आग लगने से 27 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने इसके छह साझेदारों और एक अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘गेम जोन’ में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टया ‘‘मानव निर्मित आपदा’’ बताया। पीठ ने कहा कि ‘गेम जोन’ में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि अग्निकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। राजकोट की मेयर नयना पेधड़िया ने पहले फायर एनओसी न होने की पुष्टि की थी। सुश्री पेधदिया ने कहा कि हम जांच करेंगे कि इतना बड़ा गेम जोन बिना फायर एनओसी के कैसे काम कर रहा था और हम इसके परिणाम देख रहे हैं। इस मुद्दे पर किसी भी राजनीति की अनुमति नहीं दी जाएगी।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More