शहीद रामवकील की पत्नी ने कहा- वादा करके गए थे अगले महीने लौट के आऊंगा

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इटावा। पुलवामा में गुरुवार शाम हुए आतंकी हमले में मैनपुरी के सपूत रामवकील शहीद हो गए। इस बात की खबर जब इटावा के अशोक नगर इलाके में अपने मायके में रह रहीं पत्नी गीता को मालूम हुई तो उनके नीचे से जमीन खिसक गई।
शहीद की पत्नी ने कहा कि, पिछले रविवार को ही तो वे यह कहकर घर से गए थे कि अगले माह वापस आऊंगा, लोन लेकर घर जो बनवाना है। चार साल का अंश की जुबां पर एक ही सवाल है कि पापा को क्या हो गया? मासूम के इस सवाल को सुनकर हर किसी की आंखें नम हैं।
मैनपुरी जिले के दन्नाहार थाने के विनायपुरा गांव निवासी रामवकील 2001 में सिपाही के पद पर सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। 2003 में उनकीं शादी इटावा के अशोक नगर निवासी दिवारी लाल की पुत्री गीता के साथ हुई। जम्मू में तैनाती से पहले रामवकील अलीगढ़ में तैनात थे। बच्चो की बेहतर शिक्षा के लिए शहीद ने अपने दोनों बड़े बेटे राहुल और साहुल का दाखिला केंद्रीय विद्यालय इटावा में करवा दिया था। जबकि तीसरा बेटा अंश अभी छोटा है। गीता अपने तीनों बच्चो को लेकर मायके में रह रही थीं। गीता के पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर कानपुर में तैनात हैं, गीता के ससुराल मैनपुरी में उनके ससुर की मौत हो चुकी है।
शहीद की पत्नी बताती हैं कि, छुट्टी से वापिस जाते समय उनके पति कहकर गए थे कि अगले महीने मार्च में आकर लोन निकाल कर अपना खुद का मकान बनवाएंगे। गीता कहती है कि अब उन्हें मायके में रहते हुए अच्छा नहीं लगता है। इसलिए इटावा में ही एक उनका प्लॉट पड़ा है, जिसको राम वकील बनवाने वाले थे। शहीद की पत्नी ने कहा कि, आतंकवादियों के सफाए के लिए सरकार कुछ करना नहीं चाहती है, तभी यह सब हो रहा है।

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