दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की दस्तक, गाजीपुर बॉर्डर पर 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी हिरासत में

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

नई दिल्ली।राजधानी की सीमाओं पर बृहस्पतिवार को कुछ किसानों ने दस्तक दी। यूपी से 50 से ज्यादा किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए और धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद ही दिल्ली पुलिस ने इन किसानों को हिरासत में लेकर यूपी पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, कुछ किसान जींद से टिकरी बॉर्डर के पास पहुंच गए थे। हालांकि, विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था जोन-एक) मधुप तिवारी ने टिकरी बॉर्डर पर किसी भी किसान के पहुंचने से इनकार किया है। इधर, हरियाणा से लगे बॉर्डर सील होने से आसपास के इलाकों में दिनभर जाम लगा रहा, लेकिन यूपी के बॉर्डर पर वाहन चालकों को बुधवार की तरह राहत मिली।
दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था जोन-दो) रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि यूपी से करीब 50 किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए थे। ये किसान पांच अलग-अलग वाहनों के जरिये आए थे। किसानों ने दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास किया, लेकिन सभी को बॉर्डर से पहले ही रोक दिया गया। इसके बाद यूपी पुलिस को इन्हें सौंप दिया गया। किसानों ने छोटे-छोटे ग्रुप में दिल्ली आना शुरू कर दिया है। इस कारण सुरक्षा में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही है। सिंघु, टिकरी, लामपुर व औचंदी बॉर्डर पूरी तरह सील हैं।

अतिरिक्त फोर्स लेकर चल रहे पुलिस आयुक्त
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा सीमाओं की सुरक्षा पर नजर रखे हुए है। वे रोजाना सीमाओं पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। उनके साथ अतिरिक्त फोर्स की तीन कंपनियां हैं। इनमें से दो कंपनियां पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात जवानों से तैयार की गई है।

बॉर्डर सील होने से रेंगते रहे वाहन
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सिंघु, टीकरी, लामपुर व औचंदी बॉर्डर पूरी तरह सील किए हुए है। यहां का ट्रैफिक अन्य मार्गों पर परिवर्तित किया गया है। इस कारण बाहरी दिल्ली, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली व पश्चिमी दिल्ली में दिनभर वाहन रेंगते रहे। हालांकि विशेष पुलिस आयुक्त मधुप तिवारी ने बताया कि अन्य दिनों के मुकाबले बृहस्पतिवार को ट्रैफिक जाम कम था। लोगों को पता लग गया है कि कौन-कौन से मार्ग बंद हैं। इस कारण लोगों ने वहां जाना बंद कर दिया है।

सिंघु बॉर्डर पर थोड़ी राहत लेकिन जाम से मुक्ति नहीं
बृहस्पतिवार को सिंघु बॉर्डर से आने-जाने में थोड़ी राहत मिली, लेकिन जाम से मुक्ति नहीं मिली। यहां से गुजरने वाले लोगों ने बताया कि शाम के समय बॉर्डर के तरफ जाते समय भलस्वा के पास ज्यादा बैरिकेडिंग नहीं मिली। इस कारण वाहन जल्द निकल गए। हालांकि, लौटते समय इसी जगह पर भीषण जाम दिखा। लोगों को घंटों पैदल चलना पड़ा।

गैंगस्टर के आंदोलन में उतरने से बॉर्डर की सुरक्षा बढ़ाई गई
किसान आंदोलन के समर्थन में गैंगस्टर लक्खा सिधाना के उतरने से पुलिस ने बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी है। बृहस्पतिवार को सिधाना का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें वह किसानों को उकसाते हुए दिख रहा है। सिधाना पर दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सिधाना 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर हिंसा के मामले में सक्रिय था। वह दीप सिद्धू का दोस्त था और अब उसकी जगह किसानों का नेतृत्व करना चाह रहा है। वीडियो सामने आने से पुलिस इसे गंभीरता से ले रही है।

किसानों के ट्रेन से दिल्ली पहुंचने की खुफिया जानकारी के बाद दिल्ली के तमाम रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शक होने पर यात्रियों से पूछताछ की जा रही है। सभी रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन से उतरने वालों पर निगरानी रखी जा रही है। स्टेशनों व प्लेटफार्म पर पुलिस सीसीटीवी कैमरों के जरिए यात्रियों पर निगरानी रख रही है। किसानों के ट्रेनों से पहुंचने की सूचना है।

औचंदी बॉर्डर पर प्रदर्शन करेंगे दिल्ली के किसान
राजधानी के किसान शुक्रवार को औचंदी बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष दलजीत सिंह का कहना है कि दिल्ली के किसानों ने भारत बंद का समर्थन किया है। शुक्रवार को कोई काम नहीं करेगा। औचंदी बॉर्डर पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया जाएगा। सरकार को किसानों की मांग मान लेनी चाहिए। किसान अपना हक मांग रहे हैं। इधर, टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर के व्यापारियों का कहना है कि प्रदर्शन को देखते हुए रास्ते बंद कर दिए गए हैं जिससे काम प्रभावित हो रहा है।

व्यापारी केवल उम्मीद कर सकते हैं कि रास्ता खुले तो काम फिर से चालू हो। टिकरी बॉर्डर के व्यापारी सुभाष जग्गा का कहना है कि किसान और सरकार के बीच बैठक चल रही है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि बैठक का कोई अच्छा परिणाम निकले। यदि किसानों का प्रदर्शन इसी तरह से चलता रहा तो सभी के लिए मुश्किल हो जाएगा। व्यापारी लगातार किसानों से प्रदर्शन को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, सिंघु बॉर्डर के व्यापारियों का कहना है कि प्रदर्शन को देखते हुए संस्थानों को बंद कर दिया गया है। जब तक रास्ता नहीं खुलेगा काम फिर से रफ्तार नहीं पकड़ेगा।

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