महामारी अधिनियम में खामियां दूर करने के लिए कानून में बदलाव करे सरकार’, विधि आयोग का सुझाव

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

विधि आयोग ने सोमवार को कहा कि उसने महामारी रोग अधिनियम में महत्वपूर्ण खामियों की पहचान की है। आयोग ने सरकार से सिफारिश की है कि इन कमियों को दूर करने के लिए कानून में उचित संशोधन किया जाए या भविष्य में आने वाले महामारियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक व्यापक कानून लाया जाए। सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली समति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कानून में व्यापक बदलाव की सिफारिश की गई है।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लिखे अपने कवर नोट में न्यायमूर्ति अवस्थी ने कहा कि कोरोना महामारी ने भारतीय स्वास्थ्य ढांचे के लिए एक अभूतपूर्व चुनौती पेश की है। उन्होंने कहा, इस संकट से निपटने के दौरान स्वास्थ्य से जुड़े कानूनी ढांचे की कुछ सीमाएं महसूस की गईं।

जबकि, सरकार स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी। इस दौरान यह महसूस किया गया कि एक व्यापक कानून इस संकट का जवाब दे सकता था। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के लिए तत्काल प्रतिक्रिया जैसे कि लॉकडाउन लागू करना आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत लागू किया गया था।

रिपोर्ट में सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने कहा कि खासतौर पर स्वास्थ्य कर्मियों के सामने आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर संसद ने साल 2020 में 1897 के महामारी रोग अधिनियम में संशोधन किया था। लेकिन, यह संशोधन कम किए गए थे। अधिनियम में महत्वपूर्ण खामियां और चूक बनी रहीं। समिति ने खुद ही इस अधिनियम का संज्ञान लिया और इसकी व्यापक समीक्षा की।

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