हारे हुए नेताओं के साथ कैसे कांग्रेस करेगी भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का मुकाबला?

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

10-12 साल पहले कांग्रेस के किसी बड़े समारोह में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के पहुंचते ही उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद समेत अन्य युवा नेताओं की टुकड़ी घेर लेती थी। ये सभी नेता कांग्रेस और राहुल गांधी दोनों को छोड़ चुके हैं। इस ब्रिगेड के नेताओं में सचिन पायलट जैसे एकाध गिने चुने बचे हैं। 12 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री और आदर्श घोटाले में आरोपी अशोक चव्हाण ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया है।

अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने से पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी दंग हैं। उन्हें भरोसा नहीं हो रहा है।महाराष्ट्र के नेता बाला साहब थोराट कुछ कहना नहीं चाहते। वहीं भाजपा के नेताओं की मानें, तो कांग्रेस के कोई डेढ़ दर्जन नेता कांग्रेस छोड़ने का मन बना चुके हैं। इसमें हिमाचल और पंजाब से आने वाले वरिष्ठ नेताओं के नाम भी शामिल हैं। ये सब भाजपा के संपर्क में हैं और इन नेताओं को अभी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की अनुमति नहीं मिली है। माना जा रहा है कि फरवरी के तीसरे सप्ताह के बाद से लेकर मार्च के दूसरे सप्ताह तक भाजपा कांग्रेस के बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।कांग्रेस पार्टी के सामने दुविधा की स्थिति है। इसके पास पुराने और बड़े नेता अभी भी बड़ी संख्या में हैं। हर राज्य में हैं, लेकिन विडंबना यह कि कोई नामधारी (बड़ा नेता) लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मन से तैयार नहीं है।

14 अकबर रोड में बैठने वाले एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस में दो जनरल हैं। दोनों पार्टी को 2024 में सफलता दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। एक हैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और दूसरे भारत जोड़ो न्याय यात्रा में व्यस्त कांग्रेस सांसद राहुल गांधी। सूत्र का कहना है कि युवाओं की टुकड़ी पहले ही कांग्रेस छोड़कर जा चुकी है। जबकि चुनाव लड़ने के इच्छुक पार्टी के बड़े नेताओं के बारे में कांग्रेस पार्टी ने उनकी राय जाननी चाही, तो 12-15 फीसदी नेताओं को छोड़कर किसी ने भी इच्छा नहीं जाहिर की है। बड़े और वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ने के लिए या तो अनिच्छुक हैं या फिर लड़ने के लिए उनकी कोई तैयारी नहीं है।राहुल गांधी की कभी टीम की सदस्य रहीं सुष्मिता देव को तृणमूल कांग्रेस फिर राज्यसभा में भेज रही है। सुष्मिता देव राहुल गांधी के टीम की सदस्य मानी जाती थीं। आरपीएन सिंह भी राहुल की टीम के सदस्य थे और उन्हें भाजपा ने इस बार उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में भेजने की तैयारी की है। 2022 में आरपीएन ने कांग्रेस को छोड़ दिया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा के नेता और केंद्र सरकार में मंत्री और राज्यसभा सदस्य हैं। जितिन प्रसाद भी कांग्रेस में राहुल गांधी की टीम के सदस्य थे। इस समय उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री हैं। मिलिंद देवड़ा भी कांग्रेस में राहुल से अच्छे समीकरण के लिए जाने जाते थे। मिलिंद ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। उपरोक्त सभी नेता कांग्रेस के परिवार में अहम स्थान रखते थे। इन सभी के पिता भी अपने समय में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे।
बिहार कांग्रेस के प्रभावी नेता का कहना है कि जो अक्तूबर-नवंबर 2023 में हवा बनी थी, वह दरक रही है। सूत्र का कहना है कि बिहार कांग्रेस ने मोहन प्रकाश को बड़ी जिम्मेदारी दी थी, लेकिन मोहन प्रकाश भी कई तथ्यों को लेकर तंग चल रहे हैं। सूत्र का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के कारण कई रुकावटें, दिक्कतें आईं। बताते हैं कि इंडिया गठबंधन के तमाम नेता चाहे तालमेल की बात हो या सीटों का बंटवारा, इसे राहुल गांधी की उपस्थिति में फाइनल करना चाहते हैं। सूत्र का कहना है कि यह यात्रा इस बार कोई बड़ा संदेश नहीं छोड़ पाई। उल्टे इसके चलते पार्टी को बड़ा नुकसान हो रहा है।
फिर भी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2024 में 100 से अधिक सीटों का भरोसा है, प्रशांत दीक्षित कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी अभी 2024 के लोकसभा चुनाव में 100 सीटों का आंकड़ा छू सकती है। हालांकि राहुल गांधी के सचिवालय के सदस्य इस आंकड़े को 110-115 सीटों का बताते हैं। चुनावी गणना पर काम करने वाले सदस्य का कहना है कि पहले यह संख्या 130 से ऊपर थी, लेकिन बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने, अशोक चव्हाण, मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने के बाद और रालोद के जयंत चौधरी के इंडिया गठबंधन से अलग होने के बाद हमें 15-20 सीटों का नुकसान हो सकता है। सूत्र का कहना है कि कांग्रेस को इस बार सीटें देने वाले राज्यों में कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश शामिल होंगे। इसके अलावा उत्तर भारत के राज्यों में कांग्रेस की सीटें बढ़ने वाली हैं। इसका मुख्य कारण युवाओं में बेरोजगारी, मंहगाई का असर और जनता के भीतर मोदी सरकार के खिलाफ नाराजगी है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More