Ram Mandir से सामने आई रामलला की मूर्ति की झलक, बाल रूप में मन मोह लेगी छवि

राष्ट्रीय जजमेंट

अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरा हो गया है। राम मंदिर में रामलला को विराजमान होते देखने का सपना 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पूरा हो गया है। राम मंदिर में रामलला विराजमान हो गए है। रामलला को विराजमान होने से पहले अयोध्या नगरी को प्रभु के स्वागत के लिए खासतौर से सजाया गया था।

रामलला की पहली मूर्ति की झलक उस समय सामने आई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र ने गर्भगृह में विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा की। सोने के गहनों और फूलों से सजी 51 इंच की रामलला की आलोकिक मूर्ति की तस्वीर ने देशवासियों का मनमोह लिया है। पहली बार सामने आई सुसज्जित तस्वीर में रामलला के सिर पर स्वर्ण मुकुट और गले में हीरे-मोतियों के हार है। कानों में सोने के कुंडल भी सुशोभित उन्होंने किए हुए है। हाथ में स्वर्ण से निर्मित धनुष बाण भी है। रामलला को पीतांबर धारण करवाया गया है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की है। उन्होंने सभी अनुष्ठानों को पूरा किया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मध्याह्न में साढ़े बारह बजे (12-29) बजे रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गयी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई और देश -विदेश में लाखों रामभक्त इसके साक्षी बने। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सेना के हेलीकॉप्टरों ने नवनिर्मित राम मंदिर पर पुष्प वर्षा की।

बता दें कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की विधि दोपहर 12.20 बजे से शुरू हुई थी। मुख्य पूजन विधि अभिजीत मुहूर्त मे संपन्न हुई है। इस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला था। इस मुहूर्त को पौष माह के द्वादशी तिथि में अभिजीत मुहूर्त के इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में किया गया।

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