शरीर में माइक्रोचिप लगाकर सोशल मीडिया खाते हैक करने के दावे की जांच की जाए

राष्ट्रीय जजमेंट

मुंबई। मुंबई की एक अदालत ने पुलिस को एक व्यक्ति के इस दावे की जांच करने का निर्देश दिया है कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसके शरीर में माइक्रोचिप लगाकर उसके सोशल मीडिया खाते हैक कर लिए। बोरीवली मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट बी एन चिकने ने शहर की चारकोप पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और जांच करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में आदेश पिछले माह पारित किया गया था, लेकिन सोमवार को यह उपलब्ध कराया गया।

अदालत ने पुलिस से जल्द से जल्द अंतिम रिपोर्ट पेश करने को कहा है। उसने साथ ही कहा कि शिकायत से संबंधित दस्तावेजों को आवश्यक कार्रवाई के लिए चारकोप पुलिस थाने की ओर से साइबर अपराध शाखा को भेजा जाना चाहिए। सचिन सोनवणे नामक व्यक्ति ने उसके सभी सोशल मीडिया खाते हैक होने की शिकायत की है, जिसके बाद अदालत ने यह निर्देश दिया है। सचिन ने संदेह जताया है कि हैकर ने उसके शरीर में माइक्रोचिप डालकर ऐसा किया।

उसने यह भी दावा किया कि पासवर्ड बदलने जैसी तमाम सावधानियां बरतने के बावजूद हैकर ने उसके नये जीमेल खाते सहित उनके अन्य सोशल मीडिया खातों को हैक कर लिया। अधिवक्ता प्रकाश सालसिंगिकर के जरिये दायर अपनी शिकायत में सचिन ने कहा कि इसके कारण उसे काफी नुकसान झेलना पड़ा है। उसने यह भी दावा किया कि किसी अज्ञात शख्स ने कई बार उनकी हृदय गति बढ़ाने के लिए माइक्रोचिप का इस्तेमाल किया है और इसलिए उनकी जान को भी खतरा है।

सचिन के आवेदन और हलफनामे पर गौर करने के बाद अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यह अपराध सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत आता है। अदालत ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में साइबर अपराधों के लिए विशेष रूप से नियुक्त पुलिस को मामले की विस्तृत जांच करनी चाहिए।

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