कामयाबी को मशीन पर मानव श्रम की जीत बताया

राष्ट्रीय जजमेंट

उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में 17 दिनों तक श्रमिकों के फंसे रहने की खबर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी सुर्खियों में बनी हुई थी इसीलिए जब श्रमिकों के बाहर निकलने की घड़ी आई तो दुनिया के हर बड़े समाचार चैनल ने इसका लाइव प्रसारण किया। श्रमिकों के बाहर निकलने की खबर भारतीय मीडिया में तो सुर्खियों में बनी ही हुई है साथ ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी इस कामयाबी की खबर टॉप पर है। श्रमिकों के बाहर निकलने पर जब ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे लग रहे थे तो वह पूरी दुनिया में देखे और सुने जा रहे थे। सिलक्यारा हादसे के दौरान पिछले 17 दिनों में दुनिया ने देखा कि कैसे भारत में किसी आपदा के समय सारी सरकारी मशीनरी एकजुट होकर कार्य करती है और प्रधानमंत्री खुद राहत कार्यों पर नियमित निगरानी करते हैं तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी और केंद्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री घटनास्थल पर जमे रहते हैं। दुनिया ने देखा कि भारत में आखिर कितना बड़ा बदलाव आया है जहां सरकार के लिए मानव जीवन बेहद अहम हो गया है और किसी भी कीमत पर हर जान बचाने के लिए सरकार आतुर रहती है। दुनिया ने देखा कि भारत सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से उत्तराखंड सरकार ने जिस तरह राहत अभियान चलाया उसमें पग-पग पर मुश्किलें भले आईं लेकिन चट्टान का सीना फाड़ कर अपने बच्चों को बचा लिया गया। दुनिया ने देखा कि कैसे आस्था, विज्ञान और मेहनत के मेल ने देवभूमि पर चमत्कार कर दिखाया।

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