आगरा में भीषण गर्मी से लोगों की हालत खराब हो गई है। पंखा, कूलर और एसी आदि से लोड काफी बढ़ गया है। जिससे बिजली संकट के आसार नजर आ रहे हैं। दक्षिणांचल क्षेत्र में 4.23 लाख उपभोक्ता प्रभावित हो सकते हैं। मंगलवार को प्रबंध निदेशक अमित किशोर ने 22 जून तक सभी अधिकारी-कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी हैं। उपभोक्ताओं से बिजली फिजूल खर्च नहीं करने की अपील की गई है।
बिजली की खपत रात 9 से 12 बजे तक आगरा, मथुरा, मैनपुरी सहित 21 जिलों में 6,000 मेगा वॉट तक रिकॉर्ड की गई है। इसके कारण रोस्टर प्रभावित हो रहा है। जहां 24 घंटे बिजली मिलनी चाहिए, वहां 18 से 22 घंटे आपूर्ति हो रही है। आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए डीवीवीएनएल में अलर्ट घोषित है। सभी अधिकारी-कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई हैं।
प्रबंध निदेशक अमित किशोर का उपभोक्ताओं से कहना है कि बिजली बर्बाद न करें। अनियंत्रित रूप से इस्तेमाल पर रोक लगाने और चोरी रोकने के लिए ड्रोन से लेकर रात्रि पेट्रोलिंग टीमें लगाई हैं। घरेलू उपभोक्ताओं के साथ औद्योगिक इकाइयां प्रभावित न हों इसके लिए सभी प्रकार के शटडाउन लेने पर भी रोक है। विद्युत लाइनों के मरम्मत कार्य नहीं होंगे। दफ्तरों में बिजली बर्बादी रोकने के लिए सभी जिलों के डीएम को पत्र भेजे हैं। जल्द उनके साथ बैठक भी होगी।
गर्मी में किसी भी तरह के बिजली संकट से निपटने के लिए दक्षिणांचल ने स्टोर व वर्कशॉप में व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली हैं। दस हजार से अधिक विभिन्न क्षमता के ट्रांसफार्मर रिजर्व में रखे हैं। इनके अलावा केबल व अन्य सामान उपलब्ध है।
प्रबंध निदेशक अमित किशोर ने बताया कि बिजली के गलत बिलों में संशोधन सिर्फ ऑनलाइन होंगे। इसके लिए तहसील दिवस, उपकेंद्र, अधिशासी अभियंता या संभव दिवस के माध्यम से प्राप्त आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा। जिन्हें लगता है बिल अधिक या गलत है वो संशोधन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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