श्रीमद् भागवत कथा सुनने से समस्त पापों का होता है नाश

राष्ट्रीय जजमेन्ट न्यूज़

रिपोर्ट

कंचौसी औरैया: ढिकियापुर में चल रही 9 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दुसरे दिन वृंदावन धाम से कंचौसी पहुंची बाल व्यास कृष्णनंदनी ने कहा कि जन्म-जन्मांतर एवं युग-युगांतर में जब पुण्य का उदय होता है, तब ऐसा अनुष्ठान होता है। श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है। इसे सुनने से पापी भी पाप मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वेदों का सार युगों-युगों से मानवजाति तक पहुंचाता रहा है। भागवतपुराण उसी सनातन ज्ञान की पयस्विनी है, जो वेदों से प्रवाहित होती चली आई है।

इसलिए भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है। उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण का बखान किया। कहा कि सबसे पहले सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई थी, उन्हें सात दिनों के अंदर तक्षक के दंश से मृत्यु का श्राप मिला था। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा अमृत पान करने से संपूर्ण पापों का नाश होता है। इस मौके पूर्व प्रधान रविन्द्र कुमार, श्याम सिंह, रामभरोसे गुप्ता, अशोक मुनि, सियाराम सहित सैकड़ों पुरुष और महिलाएं मौजूद रहे।

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