लखनऊ: कोर्ट रूम के भीतर गैंगस्टर संजीव जीवा पर गोलियां बरसाने के मामले में बृहस्पतिवार रात छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। शुरुआती जांच में इनकी लापरवाही पाए जाने का दावा है। इन सभी पुलिसकर्मियों की कोर्ट परिसर के अलग-अलग गेट पर ड्यूटी थी। इसमें चार हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल हैं। इतनी बड़ी वारदात में हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल को जिम्मेदार ठहराया गया है। बड़े जिम्मेदारों की जिम्मेदारी तय न कर अब तक उनको बचा लिया गया है।
हमलावर विजय यादव कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को भेदते हुए आसानी से कोर्ट रूम तक पहुंच गया था। सुरक्षाकर्मी तैनात रहकर भी उसको पकड़ नहीं पाए थे, जबकि उसके पास रिवाल्वर थी। स्पष्ट था कि इसमें बड़ी लापरवाही बरती गई है। कोर्ट एक महत्वपूर्ण स्थान है लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़े अफसर भी जिम्मेदार होते हैं। मगर हैरानी की बात ये है कि जब कार्रवाई की गई तो उसमें सिर्फ कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल पर गाज गिराई गई।
इस पर सवाल उठता है कि कोर्ट की सुरक्षा के लिए क्या सिर्फ ये चंद पुलिसकर्मी जिम्मेदार थे। थानेदार से लेकर उच्चाधिकारियों की कोई चूक ही नहीं है। कुलमिलाकर बड़ों को फिलहाल बचा लिया गया है।सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की जांच की जद में वह बड़े अफसर भी जिम्मेदार हैं, जिनके ऊपर कोर्ट परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। देखना होगा कि एसआईटी जांच पूरी करने के बाद इनमें से किन किनको जिम्मेदार ठहराती है।
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