माफिया मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसने में लापरवाही बरतने में एक और जेल अधीक्षक नपे

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट

बांदा/
बांदा के मंडल कारागार में बंद पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसने में लापरवाही बरतने वाले कई जेल अधिकारी सस्पेंड हो चुके हैं। यही वजह है कि इस जेल में आने से अधिकारी कतराते हैं। बांदा के वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम सिर्फ 2 माह 4 दिन पहले इस जेल में आए थे और अब शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया है।पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को सात अप्रैल 2021 को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था में यहां शिफ्ट किया गया था। उस वक्त यहां प्रभारी जेल अधीक्षक प्रमोद त्रिपाठी की तैनाती थी।

मुख्तार की शिफ्टिंग के 38 दिन बाद 17 मई 2021 को उन्नाव कारागार में तैनात सीनियर सुपरिटेंडेंट अरुण कुमार सिंह को बांदा जेल भेजा गया। वह चार माह 29 दिन रहे। 17 अक्तूबर को वह मेडिकल लीव पर चले गए और नहीं लौटे। 11 नवंबर को उन्हें लखनऊ स्थित संपूर्णानंद कारागार से अटैच किया गया। उनके बाद यहां की जिम्मेदारी के लिए दो और सुपरिटेंडेंट की पोस्टिंग हुई। पर दोनों ने ज्वाइन नहीं किया।11 नवंबर 2021 को बरेली कारागार के सुपरिटेंडेंट विजय विक्रम सिंह की पोस्टिंग बांदा के लिए की गई, पर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। गृह विभाग ने उनको 29 नवंबर को सस्पेंड करने के साथ संपूर्णानंद कारागार से संबद्ध कर दिया।

30 जून 2022 को लखीमपुर खीरी कारागार के सीनियर सुपरिटेंडेंट पवन प्रताप की पोस्टिंग के आदेश हुए। उन्होंने बांदा कारागार का चार्ज लेने के बजाए ट्रांसफर बाराबंकी कारागार करा लिया। बाराबंकी में सुपरिटेंडेंट का पद है। मुख्तार को प्रोटक्शन वारंट पर पंजाब भेजने के मामले में वर्ष 2017 में तत्कालीन जेलर रंजीत सिंह, डिप्टी जेलर ताड़केश्वर प्रताप सिंह पर गाज गिरी थी। साथ ही कई कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी हुई थी। सात जून 2022 को तत्कालीन डीएम अनुराग पटेल और एसपी अभिनंदन ने कारागार का औचक निरीक्षण किया था। मुख्तार को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। मामले में डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह और चार बंदी रक्षकों को निलंबित किया गया था।

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