प्रयागराज: राजू पाल हत्याकांड के बाद गवाह उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था। उमेश पाल ने इस मामले में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ रात में ही बरेली आ गई थी। सुबह नौ बजे अशरफ को जेल से निकाला गया तो बड़ी संख्या में मीडिया का जमावड़ा मौके पर था। पुलिस ने जेल गेट पर गाड़ी इस तरह लगाई कि मीडिया से अशरफ की सीधी बात ही नहीं हो सकी। हालांकि गाड़ी में अशरफ के बैठने के बाद मीडिया ने उससे पूछा कि उसे कोई खतरा तो नहीं है तो अशरफ ने अंदर से हाथ हिलाकर खतरे से इनकार किया। राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल का 2006 में अपहरण कर लिया गया था।
2007 में बसपा सरकार आने पर उमेश पाल की ओर से इस मामले में अधिक समेत 11 लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले की सुनवाई 23 मार्च को पूरी हो चुकी है और 28 मार्च को फैसला सुनाया जाना है।प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ रात में ही बरेली आ गई थी। उमेश पाल अपहरण कांड में प्रयागराज के न्यायालय ने अशरफ का प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। प्रयागराज पुलिस ने बरेली जेल में ही वारंट तामील कराया। देर रात आईजी डॉ. राकेश सिंह ने इसकी पुष्टि की। सोमवार की सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच अशरफ को लेकर यहां से रवाना हो गई।इस हत्याकांड के तार भी बरेली जेल में बंद अशरफ से जुड़े हैं।
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