उधमसिंह नगर/हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल के उधमसिंह नगर एवं नैनीताल जनपद की सड़कों पर ओवरलोड वाहन बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इन जनपदों में दिन-रात हजारों आवागमन करने वाले अधिकांश वाहन ओवरलोड अथवा ओवर हाईट होते हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन व आरटीओ विभाग ऐसे वाहनों पर कार्यवाही करने से लगातार बच रहा है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान होने के साथ-साथ सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। जिससे सड़क दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है।
जनपद उधमसिंह नगर और नैनीताल में अवैध खनन के चलते हजारों वाहन मिट्टी व रेता, बजरी भर कर नेशनल हाइवे पर बेखौफ होकर आवागम करते हैं। इस दौरान यह ओवरलोडेड वाहन दर्जनों थाना कोतवाली, चोकी, बेरियर और टोल नाकों से गुजरते हैं। जहां सरकार के आई विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहते हैं। लेकिन खुलेआम मोटर वाहन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे इन ओवरलोडेड वाहनों पर उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
बताया जा रहा है कि ओवरलोड का यह सारा खेल अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है और सब मिलकर मोटी कमाई कर रहे हैं। वहीं इस खेल में शामिल वाहन स्वामी व चालकों के मुताबिक ओवरलोड वाहन चलाने के लिए इसे रोकने के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उनके द्वारा तयशुदा दलालों के माध्यम से 15000 से लेकर 25000 रूपये प्रति वाहन प्रति माह तक पहुंचाते हैं। वहीं इस मामले में और अधिक जानकारी जुटाए जाने पर मालूमात हुई कि ओवरलोड वाहनों से बसूली जाने वाली रकम को ओवरलोड इंट्री फीस कहा जाता है
और इसके लिए एक कोडवर्ड जारी किया जाता है जिसे हर माह बदल दिया जाता है। इसके लिए ओवरलोड वाहनों से अवैध रूप से उगाही करने वाले ओवरलोड रोकने के लिए जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों ने बकायदा अपने -अपने दलाल तैनात कर रखे हैं, जो वाहन स्वामियों से प्रति माह इंट्री फीस बसूलने का काम करते हैं और बदले में उन्हें उस माह का कोडवर्ड दे देते हैं। जिसे बताकर वाहन चालक पूरे माह धड़ल्ले के साथ ओवरलोड वजन ढोते हैं। चालकों के मुताबिक बिना इंट्री फीस दिए ओवरलोड वाहन चलाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
वहीं ओवरलोड चलने वाले इन वाहनों से हर रोज हाईवे पर सड़क हादसे हो रहे हैं। जिनमें जानमाल की क्षति हो रही है। साथ ही ओवरलोड वाहनों से सड़कों को भी नुकसान पहुंच रहा है।
फिलहाल नेशनल व स्टेट हाइवे से लेकर अन्य सड़कों पर ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं और इसे रोकने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी इसे रोक पाने में विफल साबित हो रहे हैं अथवा जानबूझकर इसकी अनदेखी कर रहे हैं। जिसको लेकर की लोगों में भारी आक्रोश है।
वहीं कई सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि ने सड़क दुघर्टनाओं की रोकथाम के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि आए दिन होने वाले हादसों पर रोक लग सके।
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