नकली खाद्य कारोबार,कमजोर विपक्ष तथा वैश्विक शांति के निमित्त हुआ उल्लू पूजन*

Rashtriy a judgement news

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शाहजहांपुर / पर्यावरण एवम सामुदायिक हितों के प्रति समर्पित संस्था “पृथ्वी” एवं “शाहजहांपुर सिटीजन पब्लिक ग्रुप” द्वारा विगत वर्ष की स्थानीय,राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं पर विचार मंथन करने हेतु बारहवें उल्लू पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस वर्ष की थीम में अंतराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक शांति,राष्ट्रीय राजनीति का कमजोर विपक्ष तथा स्थानीय मुद्दों में नकली खाद्य कारोबार प्रमुख था। संस्था सदस्यो द्वारा उक्त समस्याओं को उत्पन्न करने के उत्तरदाई उल्लूओ का पूजन कर उनके उड़ जाने की प्रार्थना की गई । इस अवसर पर बोलते हुए पृथ्वी संस्था के निदेशक मंडल के सदस्य डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा कि ” अहम का उल्लू इतना शक्तिशाली है कि वह दो देशों तक को लड़ा सकता था,रूस यूक्रेन युद्ध में मारे जा रहे लोग वस्तुत आम नागरिक है किंतु उल्लू को इससे फर्क नहीं पड़ता कि कितने बेगुनाह इस युद्ध में मारे जा रहे है,कितने बच्चे अनाथ हो रहे है,उल्लू रूपी अंधकार पूरी दुनिया में छाया हुआ है। स्थानीय स्तर की समस्या में डॉ अग्रवाल ने नकली खाद्य कारोबार का मुद्दा उठाया उन्होंने कहा कि हमारे देश के छोटे बड़े शहरो में अनेक लोगो नकली खाद्य कारोबार में रत है जबकि वे यह जानते है कि छोटे छोटे बच्चो से लेकर बीमार और बुजुर्ग भी बाजार से ही खाद्य पदार्थ खरीद कर उसका उपभोग करते है,असल में उल्लू जो अंधकार का प्रतीक है नकली खाद्य कारोबारियों को यह समझने नही देता कि क्या सही और क्या गलत है। कार्यक्रम सयोजक डॉ विकास पांडे ने राष्ट्रीय राजनीति में कमजोर विपक्ष की ओर ध्यान आकृष्ट किया उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विपक्ष का मजबूत होना जरूरी है,भारत में विपक्षी दल इसके लिए राहुल गांधी की ओर देखते है किंतु वे अपने ऊल जुलुल बयानों से हंसी के पात्र बनते है,कभी वे आलू से सोना निकालते है कभी विदेश में जाकर अपने ही देश की बुराई कर आते है।सचिव डॉ धीरज रस्तोगी ने बताया कि संस्था द्वारा विगत बारह वर्षों से उल्लू पूजन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसका उद्देश्य आम नागरिकों को स्थानीय,राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के संदर्भ में नए वैचारिक आयाम प्रदान करना है।कार्यक्रम के मुख्य यजमान डॉ.संदीप अवस्थी तथा सह यजमान डॉ.शिशिर शुक्ला एवम डॉ.संजय पांडे थे जबकि मंत्रोच्चारण संस्कृत के प्रोफेसर डॉ.श्रीकांत मिश्रा द्वारा किया गया था।इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष डॉ.शिशिर शुक्ला,निदेशक डॉ.विकास खुराना, डॉ विशाल पांडे, समाजसेवी सरदार राजू बग्गा, डॉ.रामशंकर पांडे, डॉ.अनिल सिंह,हर्षित,नवनीत तिवारी इत्यादि उपस्थित थे।

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