पत्रकार व समाजसेवी श्रवण चौहान ने अपने शरीर के सात अंगों का दान
बाराबंकी- कहते हैं कि अगर व्यक्ति की जीवन लीला समाप्त हो जाए ,तो उस का पार्थिव शरीर मिट्टी में मिल जाता है, लेकिन कुछ समाजसेवी अपने शरीर के कुछ अंगों को दान देते हुए लोगों को नया जीवन देने का काम करते हैं ऐसे ही मानवता की मिसाल पेश की है…