जिला अधिकारी कार्यालय में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत बैठक हुई आयोजित

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डां मनोज अग्रवाल की अध्यक्षता में   संचारी रोग नियन्त्रण अभियान की  समीक्षा बैठक सम्पन हुई। इसके साथ ही 20 जुलाई को आयोजित होने वाले  राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारियों को लेकर भीसमन्वित विभागों के साथ चर्चा हुई।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अभी तक संचारी रोग नियन्त्रण अभियान के तहत की गई गतिविधियों की  समीक्षा की और 16 जुलाई  से शुरू होने वाले दस्तक अभियान की तैयारियों का जायजा लिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग माइक्रोप्लान के अनुसार गतिविधियों को संपादित करे। दस्तक अभियान के तहत आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर क्षय रोग के लक्षणयुक्त व्यक्तियों एवं कुपोषित बच्चो की जो सूची बनाई है उसके आगे की जो कार्यविधि है उसका अनुपालन करे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि 20 जुलाई को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस आयोजित होगा। इसके तहत एक से 19 साल के बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। जो बच्चे किन्हीं कारणों से उस दिन दवाखाने से वंचित रह जाएंगे उन्हें दवा खिलाने के लिए 25 से 27 जुलाई तक मॉप अपराउंड चलाया जाएगा। एक से पाँच साल तक की आयु के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से और छह से 19 साल के बच्चों को सरकारी सहायता प्राप्त, निजी स्कूलों और मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। जनपद के 18,43, 495 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है हरसंभव प्रयास करना है। कि शत-प्रतिशत लक्षित जनसंख्या को एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन कराया जाए।
सभी गतिविधियां कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए संपादित की जाएं 
इस मौके परअपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेंद्र कुमार चौधरी,  संचारी नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डां संदीप सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ केडी मिश्रा मिलिंद वर्धन, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला मलेरिया अधिकारी डां रितु श्रीवास्तव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम ) विष्णु यादव, सभी सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक,  अन्य सभी विभागों के नोडल अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ,पाथ, टाटा ट्रस्ट, प्लान इंडिया, सीफॉर और एम्बेड परियोजना के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
पूरी बांह के कपड़े पहनें, मच्छररोधी क्रीम लगाएं, क्वायल या रेपलेंट का उपयोग करें, रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं | घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली का प्रयोग करे।
घर और उसके आस-पास पानी इकट्ठा न होने दे। डेंगू का मच्छर साफ ठहरे पानी में पनपता है जैसे कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के पीने के पानी के बर्तन,फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर, डिस्पोजेबल बर्तन, गिलास आदि। इसलिए इन जगहों पर पानी नियमित रूप से बदलते रहे।  यदि पानी इकट्ठा है तो वहाँ पर जला हुआ मोबिल ऑयल या मिट्टी का तेल डाल दे। पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों को ढककर रखें, प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सूखा करके ही उपयोग में लाएं। बुखार आने पर खुद से कोई इलाज न करे। निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर प्रशिक्षित चिकित्सक से ही जांच और इलाज कराए।

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