महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्या ने समाजवादी पार्टी गठबंधन से अलग होने की घोषणा की

यूपी विधानसभा 2022 में बने महागठबंधन में सपा द्वारा एमएलसी चुनावों में टिकट बंटने के बाद अब सहयोगी दलों ने दूरी बनानी शुरू कर दी है। बुधवार को महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने गठबंधन से अलग होने की बात कही है। उन्होंने अपनी जगह स्वामी प्रसाद मौर्य को एमएलसी टिकट देने का विरोध जताते हुए कहा कि अखिलेश यादव चाटुकारों से घिरे हैं। हालांकि, केशव देव चुनाव के बाद से ही हार का ठीकरा स्वामी प्रसाद मौर्य पर फोड़ रहे हैं।
2022 में महागठबंधन में शामिल होकर महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य फर्रुखाबाद की सदर सीट से चुनाव लड़े थे। सपा ने अपने चुनाव चिह्न पर महान दल को फर्रुखाबाद की सदर और बदायूं बिल्सी सीट पर चुनाव लड़वाया था। दोनों ही जगह प्रत्याशियों की हार हुई थी। बुधवार को महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने अखिलेश यादव को उनकी जरूरत न होने की बात कहकर गठबंधन से किनारा करने की घोषणा कर दी।
बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वो किसी से नाराज नहीं हैं। उन्हें लगता है कि पार्टी में उनके लिए जगह नहीं है। हमने गठबंधन के बाद दिल से सरकार बनानी चाही, लेकिन तवज्जो नहीं मिली। स्वामी प्रसाद मौर्य को एमएलसी की टिकट देने और उन्हें टिकट न दिए जाने पर नाराजगी जताई।
वोट लिया पर जान-बूझकर हराया
केशव देव ने आरोप लगाया कि हमारा दल कमजोर है। आर्थिक रूप से मैं कमजोर हूं। आठ सीटें तय हुईं, लेकिन दो ही दी गईं। मांगी एटा तो फर्रुखाबाद दी। वहां भी समाज का ही एक व्यक्ति प्रभारी नियुक्त किया गया और उसे चुनाव लड़ने का लालच दिया जाता रहा। अंत में समाज का वोट बंट गया और हार का सामना करना पड़ा।
इसी तरह बदायूं की बिल्सी सीट पर समाज की एक महिला से पैसे खर्च करवाए गए और टिकट काट कर हमें दी गई। वो महिला दूसरी पार्टी से लड़ी और समाज का वोट बंट गया। हम पैसे के अभाव में हारे, हमें एक सीट देते और दूसरी हम किसी को दे देते और उससे मदद मांग कर चुनाव लड़ लेते।

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