यूक्रेन रूस युद्ध: पढ़ाई अधूरी छोड़कर वापस आए भारतीय छात्रों ने की सरकार से अपील, कहा- देश रहते हुए पढ़ाई पूरी करने में करें मदद

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ दिल्ली 

संवाददाता 

रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते बड़ी तादाद में भारतीय छात्रों को यूक्रेन से स्वदेश वापस आना पड़ा। देश वापस आए छात्रों में मेडिकल स्टूडेंट्स की संख्या कहीं अधिक है। उन्होंने देश की केंद्र सरकार से अपील की है कि अपने देश में रहते हुए अधूरा कोर्स पूरा करने में मदद की जाए।यूक्रेन से वापस आए एक मेडिकल छात्र प्रतीक्षा शर्मा ने कहा कि वो अब यूक्रेन वापस नहीं जाना चाहता। छात्र ने उम्मीद जताई है कि देश की केंद्र सरकार यहां उनकी अधूरी शिक्षा को लेकर कुछ इंतजाम जरूर करेगी। वहीं, विनितसिया नेशनल पिरोगोव मेडिकल यूनिवर्सिटी की छात्रा प्रतीक्षा ने युद्ध की स्थिति बयां करते हुए बताया कि उसे 24 फरवरी को यूक्रेन से वापस आना था।

उन्होंने युद्ध के बीच तीन दिनों तक कीव में एक बंकर में बिताया। जिसके बाद वो हंगरी के बार्डर पर पहुंची, जहां से वो भारतीय वायु सेना की फ्लाइट के जरिए भारत वापस आई हैं।अपनी अधूरी पढ़ाई के बारे में बात करते हुए शर्मा ने कहा कि अभी तक हम आनलाइन क्लास कर रहे हैं। अगर हमारी सरकार हमें भारतीय कालेजों में दाखिला देते हैं, तो वो आगे की पढ़ाई यहीं करना चाहेंगी। लेकिन अगर हमें यहां के कालेजों में दाखिला नहीं मिलता, तो वो KROK की परीक्षा पास करके किसी अन्य सुरक्षित देश में जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करेंगी।

प्रतीक्षा शर्मा के पिता नरेंद्र शर्मा ने कहा की वो छात्रों की पढ़ाई को लेकर सरकार द्वारा कोई कदम उठाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। क्योंकि रूस-यूक्रेन संघर्ष का खामियाजा बहुत सारे बच्चे भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा, जिस तरह से केंद्र सरकार यूक्रेन से बच्चों को सुरक्षित वापस लाई है। उसी तरह भारत सरकार को उन्हें भारत में शिक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठाना चाहिए। देश की केंद्र सरकार आपरेशन गंगा के तहत युद्ध प्रभावित यूक्रेन से करीब 20 हजार छात्रों को देश वापस लाई है।

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