बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भाजपा के नारे को चरितार्थ करती भाजपा नेत्री पूजा कसौधन

सुल्तानपुर। राजनीति के दृष्टिकोण से देखें तो आज भी पुरुषों को इस क्षेत्र मे ज्यादा महत्व दिया जाता है चाहे वह कोई भी पार्टी हो सभी में शीर्ष नेतृत्व में पुरुषों की संख्या अधिक होगी। भाजपा की सरकार केंद्र और प्रदेश सरकार में आने के बाद से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और महिला सशक्तिकरण का अभियान चल रहा है इसी अभियान को सफल बना रही हैं सुल्तानपुर जिले से भाजपा की जिला कोषाध्यक्ष पूजा कसौधन सरल स्वभाव की उदारवादी जनप्रिय नेत्री है। बिना किसी बड़े पद के पूजा कसौधन हमेशा जिले वासियों की समस्याओं का निवारण करवाती रही है।

कोई भी व्यक्ति पीड़ित हो शोषित हो सदैव उसके साथ खड़ी रहती हैं, गरीब पीड़ित महिलाओ के हक के लिए हमेशा तत्पर रहती है। यह जरूरी नहीं कि वह व्यक्ति उनको जानता ही हो, इसी वजह से पूजा कसौधन को जिले वासियों का भरपूर प्यार और समर्थन मिल रहा है और यही कारण है कि भाजपा में महिला प्रकोष्ठ में एक अलग पहचान बना चुकी है। एक तरफ जहां महिलाएं पुरुषों की तुलना में किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं तो वही राजनीति के दृष्टिकोण से महिलाओं को अभी भी वह स्थान नहीं मिल पा रहा जो अन्य क्षेत्रों में है

जिसका कारण है पुरुषवादी सोच जो महिलाओं को दबाने का कार्य करती है। आज के नए भारत में जहां चंद्रमा पर जाने से लेकर लड़ाकू विमान तक चला रही हैं हमारे देश की बेटियां वहीं दूसरी ओर राजनीति के क्षेत्र में आज भी महिलाओं को संघर्ष ही करना पड़ रहा है। ऐसे में पूजा कसौधन ने समय के साथ चलते हुए राजनीति के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। सुल्तानपुर जिले की सुल्तानपुर विधानसभा सीट 188 से विधायक पद के लिए प्रबल दावेदार हैं,पिछले कई वर्षों से भाजपा में कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं,

पूजा कसौधन महिला सशक्तिकरण का जीता जागता उदाहरण है। सुल्तानपुर जिले में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं जिसमें दशको से भाजपा सभी सीटों पर पुरुष प्रत्याशी को ही टिकट देती आई है ऐसे में सवाल यह है कि क्या भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और महिला सशक्तिकरण का नारा सिर्फ एक दिखावा है। वहीं दूसरी ओर अन्य पार्टियों से आई हुई महिलाएं जिनको पार्टी में आए हुए कुछ दिन भी नहीं हुए उनको भाजपा तुरंत टिकट दे दे रही है क्या यह उन महिलाओं के साथ अन्याय नहीं है जो वर्षों से पार्टी के साथ एक कार्यकर्ता के रूप में पूरी लगन व मेहनत से कार्य कर रही है, अब ऐसे में देखना यह है कि क्या भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस गंभीर विषय पर विचार करता है या नहीं।

सुल्तानपुर से संवाददाता संतोष दुबे
की रिपोर्ट

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