पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग , 04 फ़रवरी 2022

नीरजपाराशर आचारय:
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* जय श्री राधे *
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
**ll जय श्री राधे ll**
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दिनाँक-: 04/02/2022,शुक्रवार
चतुर्थी, शुक्ल पक्ष
माघ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि——— चतुर्थी 27:46:31 तक
पक्ष———————– शुक्ल
नक्षत्र—-पूर्वाभाद्रपदा15:56:41
योग———— शिव 19:08:01
करण——- वणिज 16:05:59
करण—– विष्टि भद्र 27:46:31
वार——————— शुक्रवार
माह———————— माघ
चन्द्र राशि —– कुम्भ 10:01:36
चन्द्र राशि ——————— मीन
सूर्य राशि ——————- मकर
रितु———————- शिशिर
आयन ———————उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर)————- आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 07:05:29
सूर्यास्त————– 18:01:03
दिन काल———– 10:55:33
रात्री काल———– 13:03:50
चंद्रोदय————– 09:20:17
चंद्रास्त————– 21:20:57

लग्न—- मकर 21°2′ , 291°2′

सूर्य नक्षत्र—————- श्रवण
चन्द्र नक्षत्र———-पूर्वाभाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————ताम्र

??? पद, चरण ???

दा—- पूर्वाभाद्रपदा 10:01:36

दी—- पूर्वाभाद्रपदा 15:56:41

दू —-उत्तराभाद्रपदा 21:54:45

थ—- उत्तराभाद्रपदा 27:55:54

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मकर 21:42 ‘ श्रवण , 4 खो
चन्द्र =कुम्भ 28°23 ‘पू o भा o, 3 दा
बुध = मकर 00 ° 07 ‘ उ०षा० ‘ 2 भो
शुक्र=धनु(व) 17°05, पू oषा o ‘ 2 धा
मंगल=धनु 13°30 ‘ पू o षा o ‘ 1 भू
गुरु=कुम्भ 13°30 ‘ शतभिषा, 3 सी
शनि=मकर 20°43 ‘ श्रवण ‘ 4 खो
राहू=(व)वृषभ 03°30’ कृतिका , 3 उ
केतु=(व)वृश्चिक 03°30 अनुराधा , 1 ना

??? मुहूर्त प्रकरण ???

राहू काल 11:11 – 12:33 अशुभ
यम घंटा 15:17 – 16:39 अशुभ
गुली काल 08:27 – 09:49 अशुभ
अभिजित 12:11 -12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 09:17 – 10:00 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:55 – 13:39 अशुभ

?पंचक अहोरात्र अशुभ

?चोघडिया, दिन
चर 07:05 – 08:27 शुभ
लाभ 08:27 – 09:49 शुभ
अमृत 09:49 – 11:11 शुभ
काल 11:11 – 12:33 अशुभ
शुभ 12:33 – 13:55 शुभ
रोग 13:55 – 15:17 अशुभ
उद्वेग 15:17 – 16:39 अशुभ
चर 16:39 – 18:01 शुभ

?चोघडिया, रात
रोग 18:01 – 19:39 अशुभ
काल 19:39 – 21:17 अशुभ
लाभ 21:17 – 22:55 शुभ
उद्वेग 22:55 – 24:33* अशुभ
शुभ 24:33* – 26:11* शुभ
अमृत 26:11* – 27:49* शुभ
चर 27:49* – 29:27* शुभ
रोग 29:27* – 31:05* अशुभ

?होरा, दिन
शुक्र 07:05 – 08:00
बुध 08:00 – 08:55
चन्द्र 08:55 – 09:49
शनि 09:49 – 10:44
बृहस्पति 10:44 – 11:39
मंगल 11:39 – 12:33
सूर्य 12:33 – 13:28
शुक्र 13:28 – 14:23
बुध 14:23 – 15:17
चन्द्र 15:17 – 16:12
शनि 16:12 – 17:06
बृहस्पति 17:06 – 18:01

?होरा, रात
मंगल 18:01 – 19:06
सूर्य 19:06 – 20:12
शुक्र 20:12 – 21:17
बुध 21:17 – 22:22
चन्द्र 22:22 – 23:28
शनि 23:28 – 24:33
बृहस्पति 24:33* – 25:38
मंगल 25:38* – 26:44
सूर्य 26:44* – 27:49
शुक्र 27:49* – 28:54
बुध 28:54* – 29:59
चन्द्र 29:59* – 31:05

?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??

मकर > 05:57 से 07:39 तक
कुम्भ > 07:39 से 09:05 तक
मीन > 09:05 से 10:29 तक
मेष > 10:29 से 13:16 तक
वृषभ > 13:16 से 15:05 तक
मिथुन > 15:05 से 16:19 तक
कर्क > 16:19 से 18:39 तक
सिंह > 18:39 से 19:46 तक
कन्या > 19:46 से 11:09 तक
तुला > 11:09 से 01:26 तक
वृश्चिक > 01: 26 से 03:43 तक
धनु > 03:43 से 05:57 तक

?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

?दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

4 + 6 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

बुध ग्रह मुखहुति

? शिव वास एवं फल -:

4 + 4 + 5 = 13 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक,दुःख कारक

?भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

सायं 16:06 से रात्रि 27:46 तक

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

?? विशेष जानकारी ??

* वरद चतुर्थी

* तिल चतुर्थी गणेश पूजा (बंगाल)

??? शुभ विचार ???

बहुनां चैव सत्त्वानां समवायो रिपुञ्जयः ।
वर्षन्धाराधरो मेघस्तृणैरपि निवार्यते ।।
।।चा o नी o।।

यदि हम बड़ी संख्या में एकत्र हो जाए तो दुश्मन को हरा सकते है. उसी प्रकार जैसे घास के तिनके एक दुसरे के साथ रहने के कारण भारी बारिश में भी क्षय नहीं होते.

??? सुभाषितानि ???

गीता -: भक्तियोग अo-12

अथ चित्तं समाधातुं न शक्रोषि मयि स्थिरम्‌ ।,
अभ्यासयोगेन ततो मामिच्छाप्तुं धनञ्जय ॥,

यदि तू मन को मुझमें अचल स्थापन करने के लिए समर्थ नहीं है, तो हे अर्जुन! अभ्यासरूप (भगवान के नाम और गुणों का श्रवण, कीर्तन, मनन तथा श्वास द्वारा जप और भगवत्प्राप्तिविषयक शास्त्रों का पठन-पाठन इत्यादि चेष्टाएँ भगवत्प्राप्ति के लिए बारंबार करने का नाम ‘अभ्यास’ है) योग द्वारा मुझको प्राप्त होने के लिए इच्छा कर॥,9॥,

?? दैनिक राशिफल ??

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
महत्वपूर्ण कार्यसिद्धि हो सकती है। मनोरंजक यात्रा होगी। निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। प्रमाद न करें। व्यावसायिक स्थिति में सुधार संभव है। कामकाज में मन लगेगा। निजी कार्यों में सावधानी, सतर्कता रखें। रुका पैसा प्राप्त होगा।

?वृष
धैर्य रखें। आय से अधिक व्यय से आर्थिक तंगी आने की आशंका है। साधारण मतभेद, चिड़चिड़ाहट रह सकती है। दूसरों के कहने में नहीं रहें। व्यापार मध्यम रहेगा। कुसंगति से बचें। यात्रादि में जोखिम न लें। लेन-देन में सावधानी रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

?मिथुन
प्रसन्नता में वृद्धि होगी। लाभ होगा। दूसरों के व्यवहार से लाभ होगा। पूर्व नियोजित योजनाओं का क्रियान्वयन संभव है। रुके कार्यों की चर्चा होगी। संतान के कामों से सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

?कर्क
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। बेचैनी रहेगी। मान बढ़ेगा। अतिथियों का आवागमन रहेगा। झंझटों में न पड़ें। सहयोग, मार्गदर्शन नहीं मिल पाएगा। अर्थ संबंधी विवाद हो सकते हैं। संतान की चिंता रहेगी। सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेना होगा। पारिवारिक कामकाज स्थगित रहेंगे।

?सिंह
उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। रोजगार में अपने कार्य को महत्व देंगे। महत्वपूर्ण काम समय पर पूरे हो पाएँगे। नए कार्यों की योजना बनेगी। आशानुरूप लाभ होने के योग हैं। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भूमि व भवन आदि की खरीद-फरोख्त संभव है।

?‍♀️कन्या
व्यावसायि‍क यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली होगी। धनार्जन होगा। चोट व रोग से बचें। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा के अवसर आएँगे। आमदनी में सुधार होगा। व्यापारिक स्थायित्व बढ़ेगा। मांगलिक उत्सवों में भाग लेंगे।

⚖️तुला
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। निवेशादि लाभप्रद रहेंगे। परिवार के सदस्यों की तरक्की होगी। आमदनी से अधिक व्यय न करें। अपने कामों के प्रति सजगता रखना आवश्यक है। चोट व रोग से बचें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा।

?वृश्चिक
भागदौड़ रहेगी। कामकाज की अधिकता से तनाव बढ़ेगा। व्यावहारिक परेशानियाँ रहेंगी। छोटी-बड़ी तात्कालिक समस्याएँ विचलित रखेंगी। व्यापारिक असंतोष रहेगा। शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। दु:खद समाचार मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें।

?धनु
प्रभावशाली व्यक्ति सहायता करेंगे। धनार्जन होगा। मानसिक-वैचारिक श्रेष्ठता रहेगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। आर्थिक स्थितियाँ विशेष लाभप्रद बन पाएँगी। दांपत्य जीवन संतोषप्रद रहेगा। व्यर्थ लोभ-लालच नहीं रखें।

?मकर
सोच-विचार के अनुरूप स्थितियाँ रह पाएँगी। व्यावसायिक प्रयास सफल होने के आसार हैं। परिवार में धार्मिक, मांगलिक कार्य हो सकते हैं। जल्दबाजी न करें। विवाद से बचें। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें।

?कुंभ
महत्वपूर्ण व्यक्तियों से मेलजोल बढ़ेगा। प्रसन्नता रहेगी। संतान पक्ष की चिंता रहेगी। समस्याओं का हल ढूँढ सकेंगे। कर्ज लेने की प्रवृत्ति का त्याग करें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। तीर्थदर्शन हो सकता है। क्रोध-चिड़चिड़ाहट से कार्य नहीं करें।

?मीन
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। नई योजना बनेगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जीवनसाथी को सम्मान मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। जोखिम के कामों से दूर रहें। नौकरी में ऐच्छिक स्थानांतरण, पदोन्नति के योग हैं। अध्ययन में रुचि बढ़ेगी।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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