गीतकार संतोष आनंद ने रचनाओं से बांधा समा

उन्नाव। जिले की तीन नगर पालिकाओं में एक साथ आयोजित दीपावली मेला शनिवार की रात कवि, गीतकार और शायरों के नाम रहा। बांगरमऊ स्थित इंदिरा गांधी स्नातकोत्तर कालेज में प्रसिद्ध गीतकार, कवि संतोष आनंद ने अपनी रचना जिन सितारों की खातिर जमीं छोड़ दी वो सितारे न जाने कहां खो गए हैं। वह जवानी झटक कर जुदा हो गई तमन्ना ठिठककर हवा हो गई। अपनी बेहतरीन रचना सुनाकर खूब तालियां बटोरीं। इधर शहर के रामलीला मैदान में डा विष्णु सक्सेना ने ‘थाल पूजा का लेकर चले आइए’ गीत पढ़ा तो दर्शकों की तालियां गूंज उठी। वहीं मंजर भोपाली की गजल ‘प्यार के कटोरे में गंगा का पानी’ को खूब सराहना मिली।

कवि शैलेंद्र मधुर प्रयागराज ने मेरी सांसें ही रामायण मेरी धड़कन ही गीता है, मेरा बचपन निराला पंत की गलियों में बीता है सुना कर तालियां बटोरीं। डा. अंजना कुमार ने दुख भरी रचना दर्द का अख्तियार न जख्म का निशान बाकी है पता है मेरे ऊपर गिरना अभी आसमान बाकी है। दिल्ली से आए डा. माजिद देवबंदी ने संचालन के साथ ही खुद को भी आजमाओ, पहले कुछ नया कर दिखाओ तो पहले बन ही जाएंगे, मंदिर व मस्जिद दिल से दिल को मिलाओ तो को सहारा। स्वयं श्रीवास्तव ने मुश्किल भी संभलना ही पड़ा घर के वास्ते मुश्किल फिर घर से निकलना ही पड़ा घर के वास्ते सुनाई अपनी रचना पढ़ी।

इसके अलावा शायर जौहर कानपुरी, प्रियंका शुक्ला ने भी काव्य पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने की। इस मौके पर विधायक श्रीकांत कटियार, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष इजहार खां गुड्डू, ईओ राकेश कुमार सिंह मौजूद रहे। इधर रामलीला मैदान में गुजरात की कवि श्वेता सिंह ने सरस्वती वंदना पढ़ी। संचालन हास्य व व्यंग के कवि सर्वेश अस्थाना ने किया।

प्रसिद्ध कवि डा विष्णु सक्सेना ने ‘थाल पूजा का लेकर चले आइए’ गीत पढ़ा तो सभी श्रोताओं ने खूब तालियां बजाते हुए वाहवाही की। मंजर भोपाली की गजल ‘प्यार के कटोरे में गंगा का पानी’ को खूब सराहना मिली। इसके अलावा कवि अभय सिंह निर्भीक, चांदनी पांडेय, बाराबंकी के डा. अनिल बौझड़, अतुल मिश्र, सिलीगुड़ी से आए कवि करन जैन, रामपुर के डा. ताहिर फराज ने जब अपनी गजल व गीतों की प्रस्तुती की। इससे पहले एसडीएम सत्यप्रिय सिंह ने कवियों व शायरों को स्मृति चिह्न व अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

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