अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने को तैयार भारत – अफगानिस्तान

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ नयी दिल्ली

तालिबान  और भारत के बीच दूसरी बार आधिकारिक चर्चा हुई. इसके बाद तालिबान ने बयान जारी किया है कि भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता देने की बात कही है. खास बात है कि यह पहला मौका है जब तालिबान ने भारत के साथ आधिकारिक रूप से मीटिंग की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकारी है. इससे पहले अगस्त में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल के साथ कतर में हुई बैठक को लेकर तालिबान ने चुप्पी साध रखी है.

‘इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान’ के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया, ‘मॉस्को फॉर्मेट में भारतीय राजनयिकों ने कहा है कि अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत है, अफगानिस्ता बुरे हालात से गुजर रहा है. भारत, अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है.’ वार्ता में तालिबान का प्रतिनिधित्व उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनाफी कर रहे थे. वहीं, भारतीय पक्ष की तरफ से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव जेपी सिंह और उनके साथी आदर्श स्वैका पहुंचे थे. तालिबान ने यह भी कहा कि दोनों पक्ष इस बात को जरूरी माना कि एक-दूसरे की चिंताओं पर विचार को जरूरी माना.

इस दौरान अफगानिस्तान में समावेशी सरकार की बात पर जोर दिया गया. भारत के अलावा अन्य देशों ने भी तालिबान के साथ अलग-अलग बातचीत की. मॉस्को वार्ता में तालिबान ने इस बात की पुष्टि की है कि अफगान की धरती का इस्तेमाल उसके पड़ोसियों के खिलाफ नहीं होगा. बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए मॉस्को वार्ता में शामिल हुए देशों ने अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों को लेकर चिंता जताई.

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