जिले की नदियों में रोहिन ने तोड़ा 35 वर्षों का रिकॉर्ड, हर तरफ रहा तबाही का मंजर

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ – महाराजगंज – 05/08/2021 

महराजगंज । नौतनवा फरेंदा तहसील के दर्जनों गांव में आई बाढ़ की वजह से सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं। नदियों में जलस्तर कम हो गया है। गांव से बाढ़ का पानी भी खसकने लगा हैं। वही नौतनवा ब्लाक क्षेत्र में बाढ़ का पानी कम होने के बाद अब बाढ़ से प्रभावित हुए ग्रामीणों के सामने खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है। किसानों की चिंता बढ़ गई है उनकी गढ़ी कमाई से लगाई गई धान की फसल बर्बाद हो गई है।

घरों में घुसे पानी की वजह से मकान दलदल हो गए हैं। हालांकि लक्ष्मीपुर ब्लॉक क्षेत्र के दर्जनों गांव अभी भी बाढ़ है की चपेट में है। नेपाल की पहाड़ियों पर हो रही लगातार बारिश की वजह से मझार क्षेत्र से पानी अभी भी घटा नहीं है। लोगों की परेशानियां कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं परेशान हाल ग्रामीण प्रशासन की मदद की राह देख रहा है। राशन से लेकर पीने के पानी तक की समस्या बाढ़ पीड़ितों के सामने चुनौती बनकर खड़ी है।

“35 साल पहले रोहिन नदी से मचाई थी तबाही”
35 साल बाद लोगों ने रोहिन नदी के विकराल रूप को देखा। रोहिन नदी ने श्यामकाट, टिसुरी, खजुरिया, सेमरा, लक्ष्मीनगर, परसासुमाली, नौडिहवा, बसन्तपुर, गंगापुर, हरलालगढ, बकुलादह, मोतीपुर, पुरूषोत्तमपुर, मधईडिह, कल्याणपुर, शीशमहल, लालपुर,लालपुर परती, नौडिहवा ,घटवा, मरचहवा , जवहवा,शाहपुर तक खूब ताण्डव मचाया। मुख्य मार्ग से ऊपर और गाँव मे रोहिन नदी की धारा चल रही थी। रोहिन नदी के इस मंजर को देख लोग दहशत में गुजार रहे थे। क्षेत्र के कई सम्पर्क मार्ग टूटकर गढ्ढे मे तब्दील हो गए हैं।

“बाढ़ से शुद्ध पेयजल भी मयस्सर नहीं”
बाढ़ की तबाही के वजह से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल भी नसीब नहीं हो पा रहा है। बाढ़ पीडित विरेन्द्र साहनी, दयालू, दयाराम, महेश, रामवृक्ष, बैजनाथ, राकेश, वंशी, बैजनाथ, शंकर, मोहर, तीरथ, विन्द्रावती, शकुन्तला, संगीता सहित सैकडों लोगों को इस समय शुद्ध जल भी पीने को नही मिल पा रहा है। गांव में लगे इण्डिया मार्का व हैण्डपम्प तो पानी मे डूबा हुआ था जिस कारण शुद्ध जल नही मिल पा रहा है। मझार क्षेत्र में दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए वहीं कम नहीं है। बाढ़ में सब कुछ गंवाने के बाद रोजमर्रा की समाग्री की जरूरत पूरा करने में हालत दयनीय है।

“मझार के बंधे का एसडीएम ने किया निरीक्षण”
मझार क्षेत्र के बाढ़ से क्षतिग्रस्त बंधे का एसडीएम नौतनवां रामसजीवन मौर्य ने क्षतिग्रस्त बंधे का निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग को क्षतिग्रस्त व टूटे बंधे के मरम्मत के निर्देश दिये। वहीं मातहतों को दिशा-निर्देश भी दिया। क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित गांव में परेशान हाल ग्रामीण आज भी राहत सामग्री की आस में राह देख रहे हैं। सैकड़ों घर के लोग इस आस में है की स्थानीय प्रशासन उनकी मदद जरूर करेगा। हालांकि बाढ़ से प्रभावित हुए लोग जो बंधे या अन्य प्रभावित गांव में ठहराए गए हैं उन्हें भोजन बनवा कर खिलाया जा रहा है। लेकिन बहुत सारे लोग गांव में फंसे हैं और वह प्रशासन की मदद के इंतजार में हैं।

प्यास, रोहिन नदी की धारा ने भकुरहवां व पडरहवा पर किया कटान
नेपाल की पहाड़ियों में हो रही लगातार बारिश की वजह से प्यास एव रोहिन नदियों का जलस्तर अभी भी घटा नहीं है जिसकी वजह किनरे बसे दशरथपुर, टेढ़ी, पडरहवा व भकुरहवा में बाढ़ के पानी पूरी तरह जद में है। इन टोलों के अस्तित्व पर बाढ़ कहीं पानी न फेर दे इसकी चिंता बाशिंदों को सता रही है। प्यास व रोहिन के संगम नदी के दोमुहनवा घाट से पानी के बेग ने दोनों टोलों के किनारे को काट दिया है। जिससे अस्तित्व पर खतरा बना है। पूर्व प्रधान राजाराम ने प्रशासन ने नदी के कटान पर नियंत्रण हेतु ठोस कदम उठाने की मांग की है। प्रशासनिक अमला बाढ से निपटने के लिए अभी तक स्थाई समाधान नही निकाल पाया। महाव नाला, बघेला, डूडी, डण्डा या रोहिन नदी हो। कहीं भी किसी भी जर्जर तटबंध को बरसात से पहले सुदृढ नहीं कराया गया। जिसके नतीजे में क्षेत्र बाढ़ का सामना कर रहा है।

सुनील की रिपोर्ट 

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