लखनऊ : 21 महिलाओं के जीवित पतियों को मृत घोषित कर मुआवजे की रकम डकार गए अधिकारी

यूपी में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना भ्रष्टाचार का केंद्र बन गई है। एक के बाद एक बड़े घपले सामने आ रहे हैं। अब लखनऊ के ही दो गांवों में 29 फर्जी लाभार्थी मिले हैं। इनमें 21 महिलाओं के पतियों के जीवित होते हुए भी उन्हें मृत दिखा दिया गया है। ताकि, योजना के तहत प्रति लाभार्थी मिलने वाले 30 हजार रुपयों की बंदरबांट की जा सके। इस योजना में भ्रष्टाचार को लगातार उजागर कर रहा है। अगर ईमानदारी से पूरे प्रदेश में इस योजना की जांच करा ली जाए, तो और भी बड़े घपलों के सामने आने की आशंका से कुछ अफसर भी इंकार नहीं कर रहे हैं।

लखनऊ की तहसील सरोजनीनगर के ग्राम बंथरा और चंद्रावल में वर्ष 2019-20 और 2020-21 में कुल 88 लोगों को योजना का लाभ दिया गया। इस योजना के अंतर्गत उन परिवारों को लाभ दिया जाता है, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हों। साथ ही मृत्यु के समय कमाऊ मुखिया की उम्र 60 बरस से कम हो। आम तौर पर पति के मरने पर पत्नी के बैंक खाते में राशि भेजी जाती है।

पिछले दो साल में बंथरा में मिलन देवी, रेखा, सोनी, शशी, सुनीता, रामा, संगीता शर्मा, रघुराई, रुची सविता, राम रानी, सन्नो, राजकुमारी, स्नीला देवी, मुन्नी, किरन, वंदना, ज्योति, काजल देवी, लीला, रंजना और बजिया को उनकी पति की कथित मृत्यु पर इस योजना का लाभ दिया गया। पड़ताल में सामने आया है कि इन 21 महिलाओं के पति क्रमश: राम प्रकाश, बराती, धर्मवीर, राजोल, शंकर, राम कुमार, सत्य प्रकाश, रज्जन लाल, विनोद कुमार, भाई लाल, अमृत लाल, भगवती, छंगा, मो. इदरीश, रामचंद्र, मन्नू, संगीता, विवेक कुमार, राजेंद्र कुमार, सुजीत और राजू अभी भी जीवित हैं। यानी इन महिलाओं को फर्जी ढंग से भुगतान किया गया।

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