मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायतों के निस्तारण में बीकेटी की पुलिस कर रही मनमानी

बीकेटी लखनऊ यूपी में यदि कोई पुलिस वाला या कोई उच्च अधिकारी आपकी शिकायत नहीं सुन रहा हैं और आपके साथ इंसाफ नहीं कर रहा तो आपको अब घबराने की जरूरत नहीं है| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश जनसुनवाई योजना हैं इस योजना के तहत आप घर बैठे ऑनलाइन उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के साथ अपनी जनसुनवाई करा सकते हैं।किन्तु प्रदेश की योगी सरकार जनता की समस्याओं के निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री हेल्प पोर्टल स्थापित करें या फिर जनता की समस्याओं के निस्तारण के लिए लाख नियम कानून बनाएं लेकिन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों को ठेंगा दिखाते ही नजर आते हैं।

 

ताजा मामला राजधानी लखनऊ के तहसील बीकेटी के अंतर्गत ग्राम गोरवामऊ का है आकाश मिश्रा पुत्र शिव कुमार मिश्रा ने दिनांक 23 जून 2021 को थाना बीकेटी में प्रार्थना पत्र दिया था कि उनके पूर्वजों द्वारा लगाये गए जामुन के पेड़ को यज्ञ प्रसाद यादव रामकुमार यादव व रामसनेही यादव ने मिलकर काट डाला है,पीड़ित का कहना है कि जामुन के पेड़ को गांव के दबंग लोगों द्वारा काट लिया गया है। किंतु पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, तब आकाश द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई जिसमें बीकेटी थाने में तैनात उपनिरीक्षक अवधेश सिंह द्वारा अपना पल्ला झाड़ते हुए, बिना सच्चाई का पता लगाएं, सीएम पोर्टल पर रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया।

पीड़ित का कहना है उल्टा पीड़ित के ऊपर ही 107/116 की कार्रवाई पुलिस द्वारा की गई है। आपको बता दे पीड़ित आकाश द्वारा सन 1983 का आदेश पुलिस अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जिसमें उपजिलाधिकारी बीकेटी की न्यायालय द्वारा कहा गया है कि पीड़ित आकाश के बाबा रामभरोसे का ही पेड़ो पर कब्जा बताया गया है। उपजिलाधिकारी की न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 16/12/ 1983 में वन विभाग के अधिकारियों की रिपोर्ट व क्षेत्रीय लेखपाल की आख्या के आधार पर आम जामुन के पेड़ों को राम भरोसे के बताए गए थे। पीड़ित आकाश का कहना है कि उसके द्वारा कई बार सीएम हेल्प डेस्क पर शिकायत की गई है किंतु ना तो वन विभाग के अधिकारियों द्वारा और ना ही पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध कोई नही की गई है।जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद है । स्थानीय पुलिस व वनविभाग की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है।

महेंद्र मिश्रा की रिपोर्ट राष्ट्रीय जजमेंट इटौंजा लखनऊ

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