देश का चौथा स्तम्भ कहे जाने बाले पत्रकारों का फर्रुखाबाद में थम नहीं रहा उत्पीड़न, खाकी की गुंडई चरम पर

आर जे न्यूज़ 

  • देश का चौथा स्तम्भ खतरे में, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियाँ उड़ा रही खाकी

फर्रुखाबाद :- उत्तरप्रदेश के जनपद फर्रुखाबाद में पत्रकारों का उत्पीड़न थमने का नाम नहीं ले रहा पुलिस द्वारा आए दिन पत्रकारों पर फर्जी मुकद्दमें दर्ज कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए फिर पत्रकार धरने पर बैठने से पुलिस प्रशासन में मचा हड़कंप मच गया।पत्रकार एकता- जिन्दाबाद के नारों से गूंज उठा जनपद।

आपको बता दें कि कल दिनाँक – 05-07-2021को जनपद के तमाम पत्रकार एक जुट होकर जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर पीड़ित पत्रकार सत्येंद्र वीर सिंह जो कि “राष्ट्रीय जजमेन्ट मीडिया ग्रुप” के पत्रकार हैं, को न्याय दिलाने के लिए तमाम पत्रकार धरने पर बैठे और मऊ दरवाजा इंस्पेक्टर अजय नारायण का थाना मऊ दरवाजा से ट्रांसफर कर उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने की मांग रखी। बीते दिनों थाना मऊ दरवाजा इंस्पेक्टर अजय नारायन सिंह के द्वारा पत्रकार सत्येंद्र वीर सिंह व उसके पिता जो कि समाज कल्याण विभाग से ए.डी.ओ.के पद से सेवानिवृत अधिकारी हैं, उनके साथ भी स्वयं एच.एस.ओ. ने मारपीट की थी।यही नहीं, वल्कि सत्येंद्रवीर का 151 में और उनके पिता का 107/16 में चालान भी कर दिया गया था। इस बात से आक्रोशित जनपद के तमाम पत्रकारों ने एकजुट होकर एस.पी. कार्यालय के बाहर बीते दिनों धरना दिया था, और प्रार्थना पत्र देकर एस.एच.ओ. अजय नारायण के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की  मांग की थी। पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन देकर पत्रकारों को वहां से चलता कर दिया था। तब से लेकर लगातार बस आश्वासन पर आश्वासन मिलते रहे।पुलिस कप्तान द्वारा आज तक कोई नहीं की गई।

प्रकरण उपरोक्त को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आक्रोशित पत्रकारों ने “पत्रकार एकता शक्ति संगठन” के चेयरमैन राजीव शुक्ला के नेतृत्व में एकजुट होकर जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना देने पहुँचे। धरना / विरोध प्रदर्शन का नोटिस दिनाँक 01-07-2021 को ही सिटी मजिस्ट्रेट / एस.पी. फर्रुखाबाद को दे दिया गया था। पत्रकारों के पहुँचने के बाद मौके पर फतेहगढ़ कोतवाल जेपी पाल मय फोर्स के साथ आ गए और पत्रकारों को धरना बंद करने के लिए दबाव बनाने लगे। इसी बीच पुलिस से प्रताड़ित पत्रकार जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर से उठ कर पुलिस अधीक्षक कार्यालय जा पहुंचे।

जब तक पत्रकार एस.पी. कार्यालय पहुँचते उससे पहले ही पुलिसकर्मियों ने एस.पी. के बाहरी गेट पर ताला डाल दिया और भारी पुलिस बल भी मौके पर तैनात मिला जिसने पत्रकारों को पुलिस लाइन में प्रवेश ही नहीं करने दिया।लेकिन पत्रकार वहीं डटे रहे और गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। इसी दौरान क्षेत्राधिकारी नगर नितेश सिंह भी मौके पर आ गए और उन्होंने पत्रकारों को धरना बंद करने का दबाव बनाया ।

जब पत्रकारों ने अपनी मागों को उनके समक्ष रखा तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपनी बात और समस्या बताने के लिए कहा। जब पत्रकार पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा से मिलने पहुंचे तो उन्होंने केवल विभागीय जांच कराये जाने का आश्वासन देकर टरका दिया। पत्रकारों की मांग थी कि इंस्पेक्टर अजय नारायण का यहां से ट्रांसफर किया जाए और उन पर पत्रकार व उनके पिता के साथ मारपीट करने और उनका चालान करने के संबंध में एफ. आई.आर. दर्ज की जाए, तथा पत्रकार सत्येंद्रवीर व उनके पिता पर किया गया फर्जी मुकद्दमा बापस लिया जाए।

पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने पत्रकारों की एक नहीं सुनी और केवल विभागीय जांच कराने की ही बात कहकर चलता कर दिया। जब कि जांच के नाम पर केवल पुलिस बराबर टहला रही है। जिसके बाद पत्रकार पुलिस अधीक्षक कार्यालय से उठकर कलेक्ट्रेट स्थिति धरनास्थल पर पहुँचे और धरने पर बैठ गए। पीड़ित पत्रकार सत्येंद्रवीर ने एल.आई.यू. से माँग की कि उन्हें जिलाधिकारी से 03:00 बजे तक मिलाया जाए ताकि वे अपनी पीड़ा को जिलाधिकारी महोदय के समक्ष रख सकें।

साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि 03:00 बजे तक मुझे जिलाधिकारी से नहीं मिलाया गया तो मैं यहीं धरनास्थल पर ही आत्मदाह कर लूंगा जिसके बाद भी पीड़ित को जिलाधिकारी से नहीं मिलाया गया।तब एस.एच.ओ. अजय नारायण से प्रताड़ित पत्रकार सत्येंद्र वीर सिंह ने पेट्रोल डाल आत्महत्या करने का प्रयास किया, लेकिन वहीं पर मौजूद धरनास्थल पर साथ में मौजूद पत्रकारों ने सत्येंद्र वीर से पेट्रोल की बोतल और माचिस छीनकर बचा लिया। प्रताड़ित पत्रकार सत्येंद्र सिंह ने नम आंखों और भरे गले से कहा कि जब मुझे न्याय ही नहीं मिल रहा तो मैं जीकर क्या करूंगा। ऐसी बेइज्जती मेरी पहले कभी नहीं हुई।मेरे पास आत्मदाह करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

जिसके बाद मौके पर ही फतेहगढ़ कोतवाल जे.पी. पाल फिर आ गए और पत्रकार सत्येंद्र वीर सिंह को अपने साथ थाने ले गए।

जिसके बाद धरना स्थल पर मौजूद सभी पत्रकार भी सत्येंद्रबीर का हाल जानने के लिए लोगों के साथ कोतवाली फतेहगढ़ पहुंच गए। सभी पत्रकार जब वहां पहुंचे तो क्षेत्र अधिकारी नितेश कुमार सिंह इंस्पेक्टर जे.पी. पाल ने सभी पत्रकारों को कस्टडी में लेने का फरमान सुना दिया और सभी पत्रकारों पर मुकद्दमा दर्ज करने की धमकी दी।

हालांकि काफी देर बाद पुलिस ने सभी पत्रकारों को थाने से शांतिपूर्ण ढंग से जाने दिया और सत्येंद्र वीर सिंह का 151 में चालान कर दिया।

पीड़ित पत्रकार को न्याय देने की जगह उल्टा दोबारा फिर से 151 व अन्य धाराओं में चालान कर दिया गया। अब पत्रकार न्याय की उम्मीद रखे तो किससे रखें।जब पुलिस के आला अधिकारी ही सुनने के लिए तैयार नहीं है और पुलिस उत्पीड़न कर रही है तो ऐसी स्थिति में न्याय की उम्मीद कैसे रखी जा सकती है।

“पत्रकार एकता शक्ति संगठन” के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा कि पुलिस के इस अन्यायपूर्ण तरीके का हल निकालने के लिए भले ही माननीय मुख्यमंत्री के दरवार में जाना पड़े या माननीय न्यायलय की शरण लेनी पड़े,तो ली जाएगी मगर पत्रकारों का उत्पीड़न किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

इस दौरान सभी पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि “सत्येंद्रवीर तुम संघर्ष करो” – हम तुम्हारे साथ हैं। पत्रकार एकता – जिन्दाबाद।

पत्रकारों के उत्पीड़न पर विक्रान्त सिन्हा की खाश रिपोर्ट

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