प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र क्योटो (बनारस) के विकास की एक झलक

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मानसून ने दस्तक दी है जिसके बाद से ही सड़कों पर पानी भर गया है। बारिश से शहर के कई पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं । पहली बारिश ने बनारस के स्मार्ट सिटी होने के दावे पर पानी फेर दिया है।

A glimpse of the development of Prime Minister's parliamentary constituency Kyoto (Banaras)

मोदी सरकार के दावे पूरी तरह खोखले है मोदी सरकार का विकास सिर्फ बातों और कागजों पर ही नजर आता है लोग पानी से भरी सड़कों और गलियों के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं

इसी क्रम मे रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “जरूरत से ज्यादा बारिश कर बनारस को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। क्यूँ ना इंद्रदेव पर गंभीर धाराओं में मुक़दमा कर दिया जाए योगी जी? शायद यही उचित विकल्प होगा”।

बादलों की मेहरबानी से बृहस्पतिवार को वाराणसी शहर पानी से भर गया। झमाझम बरसात के बाद गली-मोहल्ले और सड़क के साथ घरों तक पानी जाने से लोगों को काफी दुश्वारी झेलनी पड़ी। जलभराव के कारण वाराणसी के दौरे पर आए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

अजय कुमार लल्लू ने बरसात के बाद शहर की सड़कों का पैदल ही जायजा लिया।  प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर बनारस  का  आलम है तो प्रदेश के अन्य शहरों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसी सरकार अब उत्तर प्रदेश को नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि क्योटो के नाम पर बनारस  के साथ छलावा हुआ है।

काशी क्योटो तो नहीं बन सकी लेकिन यह जरूर है कि आज बारिश के कारण पूरे शहर की सड़कें पानी से लबालब भरी हुई हैं। लोग जान जोखिम में डाल कर सड़क पर निकल रहे हैं। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने पराड़कर भवन में यूपी कांग्रेस उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों व व्यापरियो संग बैठक की।

A glimpse of the development of Prime Minister's parliamentary constituency Kyoto (Banaras)
                                            वाराणसी में जलभराव से पैदल हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू

कहा कि  इस सरकार ने छोटे उद्योगों को खत्म कर दिया। कर्ज के बोझ से दबे व्यापारियों ने सबसे अधिक आत्महत्या किया है। सभी प्रकार के छोटे उद्योग पूरी तरह नष्ट हो गया है।  डीजल-पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं। इस सरकार में मंडियों की व्यवस्था चौपट होने से किसान बदहाल हैं।  किसानों पर तीन काले कानून थोप दिए गए इसलिए किसान आक्रोशित और आंदोलित हैं। सच तो यह है कि भाजपा ने एक भी अपना वादा पूरा नहीं किया। नौजवानों से रोजगार देने के नाम पर छल हुआ।

2022 में भाजपा की विदाई तय

कांग्रेस नेता ने कहा कि धरातल पर कार्य शून्य के बराबर है। कहा कि समाज में भेदभाव और विपक्ष के प्रति बदले की भावना से कार्रवाई होने से भाजपा सरकार जनता की निगाहों में अपनी साख खो चुकी है। अच्छे दिन की जनता की उम्मीदें टूट गई हैं। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अब बस गिने चुने दिन ही रह गए हैं। 2022 में भाजपा की विदाई तय है।

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