प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र क्योटो (बनारस) के विकास की एक झलक
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मानसून ने दस्तक दी है जिसके बाद से ही सड़कों पर पानी भर गया है। बारिश से शहर के कई पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं । पहली बारिश ने बनारस के स्मार्ट सिटी होने के दावे पर पानी फेर दिया है।

मोदी सरकार के दावे पूरी तरह खोखले है मोदी सरकार का विकास सिर्फ बातों और कागजों पर ही नजर आता है लोग पानी से भरी सड़कों और गलियों के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं
इसी क्रम मे रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “जरूरत से ज्यादा बारिश कर बनारस को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। क्यूँ ना इंद्रदेव पर गंभीर धाराओं में मुक़दमा कर दिया जाए योगी जी? शायद यही उचित विकल्प होगा”।
जरूरत से ज्यादा बारिश कर बनारस को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।
क्यूँ ना इंद्रदेव पर गंभीर धाराओं में मुक़दमा कर दिया जाए योगी जी?
शायद यही उचित विकल्प होगा।
pic.twitter.com/Gfv5sDdixK
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 17, 2021
बादलों की मेहरबानी से बृहस्पतिवार को वाराणसी शहर पानी से भर गया। झमाझम बरसात के बाद गली-मोहल्ले और सड़क के साथ घरों तक पानी जाने से लोगों को काफी दुश्वारी झेलनी पड़ी। जलभराव के कारण वाराणसी के दौरे पर आए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अजय कुमार लल्लू ने बरसात के बाद शहर की सड़कों का पैदल ही जायजा लिया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर बनारस का आलम है तो प्रदेश के अन्य शहरों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसी सरकार अब उत्तर प्रदेश को नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि क्योटो के नाम पर बनारस के साथ छलावा हुआ है।
काशी क्योटो तो नहीं बन सकी लेकिन यह जरूर है कि आज बारिश के कारण पूरे शहर की सड़कें पानी से लबालब भरी हुई हैं। लोग जान जोखिम में डाल कर सड़क पर निकल रहे हैं। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने पराड़कर भवन में यूपी कांग्रेस उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों व व्यापरियो संग बैठक की।

Comments are closed.