ब्लैक फंगस इंफेक्शन की दवाओं की कमी के चलते पांच और कंपनियों को मिला उत्पादन लाइसेंस, दवा की कीमत 1200 रुपये प्रति शीशी हुई निर्धारित

आर जे न्यूज़

देशभर में फैली कोरोना महामारी के साथ ही अब ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के बढ़ते मामलों ने नई समस्या खड़ी कर दी है। दरअसल, कोविड वैक्सीन की कमी के बाद अब देश में ब्लैक फंगस इंफेक्शन की दवाओं की भी कमी पड़ने लगी है। इस लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

हालांकि, इस बीच राहत भरी खबर भी आई है कि महाराष्ट्र के वर्धा स्थित जेनेटिक लाइफ साइंसेज कंपनी में आज यानी बृहस्पतिवार (27 मई) से ब्लैक फंगस की दवा एंफोटेरिसिन-बी इमल्शन इंजेक्शन का निर्माण शुरू कर दिया गया है। वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई है कि इस फंगल इंफेक्शन की दवा की कीमत 1200 रुपये प्रति शीशी होगी। साथ ही इसका वितरण सोमवार (31 मई) से शुरू हो जाएगा।

पांच और कंपनियों को मिला दवा के उत्पादन का लाइसेंस:-
मालूम हो कि अभी तक एंफोटेरिसिन-बी दवा का उत्पादन सिर्फ एक ही कंपनी कर रही थी, लेकिन ब्लैक फंगस की दवाओं की कमी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दे रखा है कि दुनिया के किसी भी कोने से इस फंगस इंफेक्शन की दवा को भारत लाया जाए। साथ ही दवा का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने पांच और कंपनियों को एंफोटेरेसिरिन-बी बनाने का लाइसेंस दे दिया।

29 हजार से ज्यादा शीशियां राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित:-
केंद्रीय मंत्री सदानन्द गौड़ा ने बुधवार (26 मई) को ट्वीट कर बताया कि देशभर में ब्लैक फंगस संक्रमण के अब तक 11,717 मामले सामने आ चुके हैं। इसके उपचार में इस्तेमाल होने वाली ‘एंफोटेरिसिन-बी’ दवा की 29,250 शीशियां अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित की ज चुकी हैं।

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