कोरोना से संक्रमित मशहूर शायर मदन शर्मा का हुआ निधन

आर जे न्यूज़-

दोआबा की माटी में मोहब्बत के शायर के नाम से मशहूर शायर मदन शर्मा (65 वर्ष) का शनिवार रात लोकप्रिय अस्पताल में कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया। पिछले आठ दिनों से वह अस्पताल में भर्ती थे। मेरठ ब्रह्मपुरी में जन्मे मदन शर्मा आज भी इसी पुश्तैनी आवास में रहते थे। अपने पीछे पत्नी, बेटा आदित्य, भाई विमल को छोड़ गए हैं।

उनके साथी कवि रामगोपाल भारतीया कहते हैं 
बिछुड हमसे गया वह दोस्त मेरा,
कसम खाता था मेरी दोस्ती की !!

ये खूबसूरत अशआर जिस शायर की पहचान बन गया उसका नाम है मदन शर्मा, जो हमें छोड़कर चला गया। मेरठ में गीत गज़लों की चौकड़ी कहे जाने वालों में धर्मजीत सरल, ओंकार गुलशन, बृजलाल गुंजन और मदन शर्मा शामिल हैं। ब्रजलाल गुंजन काफी पहले ही चल बसे थे। अब कवि सत्यपाल सत्यम का नाम भी इनके खास दोस्तों में जुड़ गया था।

शहर की साहित्यिक संस्था काव्य शाला कलम ने आज एक ऑनलाइन शोक सभा में दिवंगत आत्मा को भाव भीनी श्रद्धांजलि दी। गज़लकार डॉ. रामगोपाल भारतीय ने कहा कि मोहब्बत की बात करने वाला शायर चला गया।

सत्यपाल सत्यम के भावुक शब्द
गजलों का बेताज़ बादशाह ! शायरी की बात करने वाला ! हर मौजू पर गजल और शेर कहने वाला ! कवि सम्मेलन और मुशायरा में बराबर अपनी दखल रखने वाला ! संजीदा, हास्य और व्यंग के विधा में पूर्णतः निपुण दोस्तों का दोस्त काल के गाल में समा गया।

उनके कुछ चुनिंदा शेर
अलग है शान अपनी शायरी की,
पिलाती है मुझे आंखें किसी की !!

हजारों साल का जीवन भी कम है,
कितनी ख्वाहिशें हैं आदमी की !!

अगर दम है किसी की शायरी में,
जरूरत क्या उसे बाजीगरी की !!

वह हास्य व्यंग वह बहुत ही बेहतरीन पढ़ते थे। उनकी ‘लैला मेरी क्लास में’ बहुत मशहूर कविता है। यही नहीं होली के अवसर पर बहुत सारे गीत कविता उनकी होती थी।

कवि प्रो. हरिओम पंवार, के. के. बेदिल, ओंकार गुलशन, धर्मजीत सरल, जीडी हरित, सुमनेश सुमन, मनोज कुमार मनोज, चंद्रशेखर मयूर, तुषा शर्मा, गोविंद रस्तोगी, निस्पंद शर्मा, सुधाकर आशावादी, सुधीर अनुपम, राकेश गौड़, नीरज स्वामी, आशुतोष व गीतकार यशपाल कोत्सायन ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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