NGT-मुख्यमंत्री ध्यान दें.! प्रदूषण विभाग द्वारा NOC देने का क्या मतलब, न प्रदूषण पर रोक, न नियम-कानून का पालन, जांच के नाम पर सिर्फ फॉर्मेलिटी व लुट का धंधा.?

आर जे न्यूज़ –

जब केंद्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण, प्रदूषण, भूजल दोहन रोकने हेतु विभाग द्वारा जारी एनओसी देने का क्या मतलब.? जब विभागीय अधिकारी व जांच कमेटी द्वारा नियम कानून का पालन न करा सके.? प्रदूषण पर रोक न लगावा सके.? जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर जनता को गुमराह कर पाकेट गर्म करें.? ऐसे विभागीय अधिकारियों के ऊपर एनजीटी, मुख्यमंत्री द्वारा सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकि एनजीटी सीपीसीबी द्वारा जारी गाइडलाइन का पूर्ण रुप से पालन हो सके।

जनपद सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में विगत कई वर्षों से प्रदूषण की गंभीर समस्या बनी हुई है जांच के नाम पर नई दिल्ली, लखनऊ, सोनभद्र के विभागीय अधिकारियों का रेगुलर दौरा होना, खनन क्षेत्रों व क्रशर प्लांटों का दौरा निरीक्षण करना, प्रदूषण की स्थिति गंभीर होने की बात कहते हुए सख्त कार्रवाई का निर्देश देना.? किंतु जांच टीम के जाते के साथ ही पुनः पुराने रुख में सभी क्रशर प्लांटों व खदानों का संचालन होना.?

जिले के विभागीय अधिकारियों का मौन बने रहना कार्यवाही न किया जाना, जांच टीम के आते के साथ ही सभी प्लांटों को बंद करा देना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। चर्चा है कि सचिवालय से जिले तक के अधिकारियों के सांठगांठ से विगत कई वर्षों से धंधा फल-फूल रहा है.? कार्यवाही के नाम पर फॉर्मेलिटी पूरा कर मामले को ठंडे बस्ते में डाला जाना गंभीर समस्या बनता जा रहा है जबकि प्रशासन चाह ले तो एकदम क्रशर प्लांटों से प्रदूषण न उड़े.? मानक के अनुरूप सभी प्लांटों का संचालन हो.?

किंतु समस्या का स्थाई समाधान न होना विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान उठता है.? सूत्रों की माने तो बड़े पैमाने पर क्रशर प्लांट ग्राम समाज, वन भूमि, नाले खाते की जमीन पर लगा व संचालित हो रहा है.? लगभग 300 संचालित क्रशर प्लांटों में काफी क्रशर प्लांटो की एनओसी नहीं है विभागीय अधिकारियों के साथ सांठगांठ से खुलेआम संचालित किया जा रहा है.? शासन प्रशासन द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए समस्त संचालित क्रशर प्लांटों के मानको व कागजातों नियम कानूनों की उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच करा दियें जाने पर बड़ा मामला खुल कर सामने आ जाएगा।

क्रशर प्लांटो के लिए शासन प्रशासन प्रदूषण विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन नियम कानून का कितना पालन किया जा रहा है। टीम द्वारा पुरे खनन क्षेत्र का दौरा कर अपनी आंखों से देखा जा सकता है। सूत्रों की माने तो विभागीय अधिकारी सब मानते जानते हैं कि उस क्षेत्र में प्रदूषण की गंभीर समस्या है मानक के विपरीत खनन कार्य हो रहा है एक दिन भी उस क्षेत्र में रहना मुश्किल है। क्षेत्र की जनता आखिर कैसे रह रही है वही जानती है.?

नीचे से ऊपर तक अधिकारियों नेताओं का सांठगांठ है जिससे करवाई नहीं हो पा रहा अगर कोई कार्रवाई करने की कोशिश करता है तो ऊपर से दबाव डालकर मौन करा दिया जाता है.? किंतु विभागीय अधिकारियों का मौन बने रहना समस्या का निदान नहीं हैसमस्या का निदान के लिए शासन प्रशासन के लोगों को सख्त कार्रवाई एवं पहल करनी पड़ेगी तभी प्रदूषण से लोगों को मुक्ति मिलेगी वरना दिन पर दिन बढ़ रहे प्रदूषण के कारण पूरे क्षेत्र में लोगों की महामारी फैल जाएगी।

धीरज कुमार श्रीवास्तव संवाददाता राष्ट्रीय जजमेंट सोनभद्र

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