क्या देश की सुरक्षा से अर्णव गोस्वामी ने खिलवाड़ किया था, विपक्ष ने की जाँच की मांग

विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी और व्यूअरशिप रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई कथित बातचीत को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.

अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू ने मुंबई पुलिस की चार्जशीट का हवाला देते हुए लिखा है कि इन दोनों की बातचीत वॉट्सऐप चैट के रूप में लीक हुई है. रविवार को विपक्षी नेताओं ने कहा कि इस बातचीत से कई तरह की चिंताएं सामने आई हैं और इनकी विस्तृत जाँच की जानी चाहिए.

रविवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “मुंबई पुलिस की चार्जशीट में जो वॉट्सऐप चैट सामने आई है उससे अपने आप में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. किस प्रकार से वित्तीय धोखाधड़ी हुई, उसमें देश के बड़े से बड़े पदों पर बैठे कौन से लोग शामिल थे, कैसे जजों को ख़रीदने की बात हुई और मंत्रिमंडल में कौन सा पद किसको मिलेगा उसका निर्णय पत्रकारों द्वारा किया गया ये सारी बातें हैं. मुंबई पुलिस का आरोपपत्र एक हज़ार पन्नों का है और हम इसका अध्ययन कर रहे हैं. हम इस पर विस्तार से प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.”

वहीं पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने पूरे मामले की जांच जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग की है. मनीष तिवारी ने कहा है कि अगर मीडिया रिपोर्टिंग में आ रही बातें सही हैं तो बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2019 के आम चुनाव के बीच ज़रूर कोई संबंध है.

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इस मामले में ट्वीट कर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूछा है, “क्या असल स्ट्राइक से तीन दिन पहले एक पत्रकार (और उसके दोस्त) को बालाकोट में जवाबी हमले के बारे में पता था? यदि हाँ, तो इस बात की क्या गारंटी है कि उनके स्रोतों ने पाकिस्तान के साथ काम करने वाले जासूसों या मुखबिरों सहित अन्य लोगों के साथ भी जानकारी साझा नहीं की होगी? राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय निर्णय की जानकारी सरकार-समर्थक पत्रकार को कैसे मिली?”

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More