कोरोना का एक हमला ऐसा भी जिसने छीन ली 3 लोगों की आंखो की रोशनी

बेतियाहाता में आयोजित एक नेत्र जांच शिविर में तीन और ऐसे मरीज मिले हैं, जिनकी आंखों पर कोरोना ने हमला किया है। उन्हें 50 फीसद दिखाई देना कम हो गया है। इनमें से दो लोगों की रोशनी लौटने की उम्मीद नहीं है क्योंकि उनके पर्दे पर निशान पड़ गए हैं। एक मरीज को डाक्टर ने इंजेक्शन लिखा है। उम्मीद जताई है कि उनकी रोशनी काफी हद तक लौट आएगी। डाक्टर ने सलाह दी है कि कोरोना से ठीक हुए लोग आंखों को लेकर सावधान रहें। यदि दिखाई पडऩा कम हो तो तत्काल डाक्टर को दिखा लें। जितना जल्दी इलाज शुरू होगा, उतना ही फायदा होने की उम्मीद है।

जुलाई से ही शुरू हुआ कम दिखाई पड़ना

जांच में पूर्व में कोरोना संक्रमित रह चुके तीन मरीजों की आंखों के पर्दे पर खून के छींटें मिले हैं। इनमें दो के पर्दे पर निशान पड़ गए हैं। उन्हें दिखाई पडऩा पिछले जुलाई माह में कम होना शुरू हुआ था। लगातार उनकी रोशनी कम होती गई। इस दौरान वे चश्मे का नंबर बदलवाते रहे। पहले छह मीटर की दूरी से जो चीजें देख लेते थे, अब वह तीन मीटर की दूरी से दिखाई पड़ती हैं। डाक्टर के अनुसार उनकी आंखों की रोशनी लौटने की उम्मीद कम है। लेकिन एक मरीज को दिखाई पडऩा इसी माह कम हुआ है। उनके लिए इंजेक्शन लिखा गया है। उम्मीद है कि उनकी रोशनी काफी हद तक लौट आएगी। इसके पूर्व दो अन्य मरीजों की आंखों पर भी कोरोना हमला कर चुका है। उनका इलाज पिछले तीन माह से चल रहा है। उनकी रोशनी काफी हद तक लौट आई है। वे समस्या होने के तीन-चार दिन के अंदर ही डाक्टरों से संपर्क किए थे। तत्काल इलाज शुरू हो गया था।

35 लोगों की आंखों पर मिला खून का रिसाव

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. कीर्ति अग्रवाल का कहना है कि शिविर में लगभग 150 मरीजों की आंखों की जांच की गई। 35 लोगों की आंखों के पर्दे पर खून का रिसाव मिला। तीन मरीज पूर्व में कोरोना संक्रमित रह चुके थे। इसमें से दो की रोशनी लौटने की उम्मीद नहीं है। एक की ठीक हो सकती है। शेष को शुगर की वजह से दिक्कत आई थी। सभी को दवा लिख दी गई है।

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