अहम मौकों पर देश से बाहर क्यों होते हैं राहुल गांधी

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेश, उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर अहम मौकों पर विदेश क्यों चले जाते हैं इसको क्या राजनैतिक अपरिपक्वता कहें या कोई मजबूरी विपक्ष को गाहे  गवाह  अपने ऊपर टिप्पणी करने का मौका वह स्वयं देते हैं राहुल गांधी की नियत सही हो सकती है परंतु लोगों को उनकी यह शैली पसंद नहीं आती इस पर उनके कार्यक्रम बनाने वाले लोगों को विचार करना चाहिए ऐसे समय में जब देश के किसान मोदी जी की कार्यशैली पर आवाज उठाते हैं

तो एक मजबूत विपक्ष होने के नाते राहुल गांधी को डटकर देश के लोगों की आवाज बनना चाहिए क्योंकि वर्तमान सरकार ने देश में ऐसा माहौल बना दिया है के देश में चुनाव नहीं डब्ल्यूडब्ल्यूई की फाइट होती है जिसमें जो जीतता है वहीं मुखिया बनता है, इस मामले में देश की जनता जब राहुल गांधी को मोदी के सामने खड़ा करती है तो राहुल गांधी को अपरिपक्व नेता मानती है जबकि ऐसा है नहीं देश संविधान से चलता है

देश में सांसद चुनकर आते हैं जो देश के प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं लेकिन माहौल ऐसा बना दिया जाता है कि मोदी नहीं तो कौन इस मामले में कांग्रेस पार्टी को बहुत विचार करने की जरूरत है चुनाव के समय में बीजेपी प्लेटफॉर्म बनाती है जिस पर विपक्ष के नेता चाहे अनचाहे खेलने लगते हैं उसी का पूरा फायदा वर्तमान सत्ता उठा रही है मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष का होना बहुत जरूरी है

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