कोरोना काल 2020 आपातकाल के रूप मे इतिहास के पन्नों मे अमर रहेगा

कोरोना ने रिश्तेनाते को भी महाछुआछूत मे बदला

कोरोना काल भारतकी जनता के सामने 2020 इतिहास के पन्नों मे अमर रहेगा आजादी के 70सालों के बाद यह कोरोना काल के रूप मे छूआछूत केरुप मे रिश्तेनाते कोभी भूलाने पर मजबूर किया तथा गरीबों मजदूरों बेरोजगारों के ऊपर बिपत्तिका का पहाड़ बनकर टूट पड़ा इसके साथ ही उद्योग धन्धे रोजगार भी चौपट होनेलगे अपने घरो मे लोग जेल की तरह कैद रहे तथा कर्फ्यू के उल्लंघन मे पुलिस की प्रताड़ना डंडे खाना पड़ा तथा बाहर रोजगार करनेवाले मजदूरों को ट्रेन बंदहोनेसे सैकड़ों किमी चलने के बाद कुछ ने रास्ते में दम तोड़ दिया तो कुछ ने अपने आशियाना मे पहुंचे कोरोन्टाइन सेंटर से लेकर लोग अपने घरो मे आत्महत्या कर दियेजो घटनाएं दिल दहला दिये शिक्षा ब्यवस्था भी चरमरा गयी है|

नौनिहालों को स्कूल के बजाय घरो व खेत खलिहानों मे समय बिता रहे है आनलाईन पढाई मोबाइल लैपटॉप के अभाव मे सपना हो गयाहै महज दो जून की रोटी हेतु रोजगार व शासन से अनुदान की आशा मे है तथा देश की 70प्रतिशत जनता को आज भी है 2021मे ईश्वरीय शक्ति तथा बैज्ञानिकों की खोज ही जीवन मे उजाला ला सकता है यही कामना है

भगवन्त यादव संबाददाता

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