रक्षक ही बने भक्षक,वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही प्रतिबंधित पेड़ों पर चलवा रहे आरा

पकड़े गए ठेकेदार ने बयां की कुमारगंज वन रेंज कार्यालय में तैनात एक डिप्टी रेंजर की दास्तान

मिल्कीपुर।कुमारगंज वन रेंज अंतर्गत कलंदरपुर गांव में प्रतिबंधित पेड़ सागौन के 15 पेड़ों के काटे जाने की परमिट की आड़ में 30 पेड़ों की अवैध कटान किए जाने का मामला पूरी तरह से गरमाता जा रहा है। आरोपी ठेकेदार से 15 पेड़ों की परमिट जारी कराए जाने के नाम पर 45 हजार रूपए ऐंठ कर अवैध कटान किए जाने की हरी झंडी दिए जाने का खुलासा ठेकेदार ने अपने द्वारा दिए गए लिखित बयान में किया है। वहीं दूसरी ओर प्रभागीय वन अधिकारी की ओर से निर्दोष वन कर्मियों को जनपद मुख्यालय कार्यालय से संबद्ध किए जाने के भी आदेश दे दिए गए हैं।

बताते चलें कि कुमारगंज वन रेंज अंतर्गत ग्राम पंचायत कलंदरपुर के भटपुरवा निवासी संत शरण शर्मा पुत्र हरिहर शर्मा ने अपने खेतों में 87 सागौन के प्रतिबंधित पेड़ लगा रखे थे जिसको काटे जाने का कुचक्र रुदौली कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत कादिरपुर गांव निवासी एक लकड़ी ठेकेदार एजाज अहमद द्वारा रचा गया और उसने पखवारे पूर्व कुमारगंज वन रेंज कार्यालय से संपर्क किया था।

लकड़ी ठेकेदार एजाज का कहना है कि उसने कुमारगंज वन रेंज कार्यालय में तैनात एक वन कर्मी सुरेश यादव के माध्यम से डिप्टी रेंजर रविंद्र सिंह से सांठगांठ करके रुपए 45 हजार जिसमें 30 हजार रुपए पहली किस्त तथा दूसरी किस्त में 15 हजारों रुपए दो किस्तों में डिप्टी रेंजर रविंद्र सिंह को दे दिया था मात्र 15 पेड़ों की परमिट वन विभाग की ओर से जारी की गई थी किंतु ठेकेदार का कहना है कि डिप्टी रेंजर के इशारे पर मेरे द्वारा 15 पेड़ों की परमिट के बजाय 30 पेड़ प्रतिबंधित प्रजाति सागौन के कांटे गए थे मामला विभागीय उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद वन कर्मियों में हड़कंप मच गया था बीट प्रभारी सूर्यभान सिंह आरोपी ठेकेदार को पकड़कर रेंज कार्यालय लाए थे जहां उससे 50 हजार रुपए का जुर्माना जमा किए जाने का आदेश विभागीय उच्चाधिकारियों की ओर से हुआ था जिसमें 40 हजार रुपए थमा कर आरोपी ठेकेदार मौके से भाग निकला था।

जुर्माने की संपूर्ण धनराशि ना जमा करता देख बीट प्रभारी सूर्यभान सिंह की भौंहें ठेकेदार के ऊपर तन गई और वह शुक्रवार 25 दिसंबर को ठेकेदार को पकड़कर रेंज कार्यालय ले आए जहां आरोपी ठेकेदार ने अवैध कटान की परत दर परत खोल दी। वहीं दूसरी ओर मामले में पूरी तरह से निर्दोष कुमारगंज वन रेंज में तैनात दो वन कर्मियों सूर्यभान एवं जगजीवन को डीएफओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। जो उस कहावत को चरितार्थ कर रहा है जिसमें कहा गया है कि खता किसी की सजा किसी और को दिया जाए। किंतु ऐसे गंभीर मामलों में उच्चाधिकारी गुनहगारों को अपना कोपभाजन बनाते हुए निर्दोष और छोटे कर्मियों को ही निशाना बना रहे हैं जो उनकी कार्यशैली पर पूरी तरह से सवालिया निशान लगा रहा है।

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