सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गुजरात के राजकोट के एक कोविड-19 अस्पताल में आग लगने से पांच मरीजों की मौत पर संज्ञान लिया है। अदालत ने देशभर में कोरोना के हालात को लेकर नाराजगी जताई और सख्त शब्दों में कहा कि जुलूस निकाले जा रहे हैं और 80 फीसदी लोगों ने मास्क नहीं पहने हैं। बाकियों के जबड़े पर मास्क लटका हुआ है। एसओपी और दिशानिर्देश हैं लेकिन इनके पालन की कोई इच्छाशक्ति नहीं है।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि केंद्रीय गृह सचिव शनिवार को पूरे भारत के सरकारी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा उपायों को लेकर बैठक करेंगे और इससे संबंधित निर्देश जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 के प्रभाव को रोकने के लिए नीति, दिशानिर्देशों और एसओपी को लागू करने के लिए सख्त उपाय किए गए हैं। केंद्र ने कहा कि देश में चल रही कोविड-19 की लहर पहले की तुलना में तेज है। वर्तमान में 77 प्रतिशत पॉजिटिव मामले 10 राज्यों से सामने आ रहे हैं।
कोर्ट ने कहा, राजनीति से ऊपर उठें राज्य
इस पर अदालत ने कहा कि महामारी से बचाव के सख्त उपायों के पालन की जरूरत है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि कोरोना महामारी की स्थिति से निपटने के लिए राज्यों को इस मौके पर साथ आना होगा और राजनीति से ऊपर उठना होगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को तय की है।